All for Joomla All for Webmasters
हेल्थ

आधे युवाओं के सिर पर निकला ‘चांद’, इसी में छिपी है भारत में कॉस्मेटिक इंडस्ट्री की ग्रोथ

आप जब भी किसी बाजार या मॉल या अपने आसपास के पार्क आदि में जाते हैं तो पाएंगे कि आधे से ज्यादा युवाओं के सिर पर ‘चांद’ निकला हुआ है. यानी गंजेपन की वजह से उनका आधा सिर खाली हो चुका है. इसी चांद के पीझे भारत में कॉस्मेटिक इंडस्ट्री की ग्रोथ भी छिपी है. पढ़ें जी मीडिया रिपोर्टर पूजा मक्कड़ की रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें– मैग्नीशियम की कमी शरीर को कर देती है कमजोर, बॉडी देने लगती है ऐसे संकेत, इन फूड्स से लौटेगी एनर्जी

क्या आज सुबह शीशे में देखते समय बालों पर नजर जाते ही आप फिर से निराश हो गए? क्या आपको ऐसा लगने लगा है कि कंघी करना बेकार है, क्योंकि जब भी कंघी करो तब सैकड़ों बाल टूटकर गिर जाते हैं? क्या आप अपने गंजेपन की बढ़ने की रफ्तार से परेशान हैं? अगर इन सभी प्रश्नों का उत्तर हां है, तो यकीन मानिए आप दुनिया में अकेले नहीं हैं, बल्कि आप जैसे बहुत से लोग हैं जो रोज इसी ट्रॉमा से गुजरते हैं.

एक स्टडी के अनुसार, भारत में 21 से 31 आयुवर्ग के 46 फीसद लोग गंजेपन के शिकार हो रहे हैं. ऐसा नहीं है कि ये समस्या सिर्फ भारत में ही है. अमेरिकन हेयर लॉस एसोसिएशन की स्टडी के अनुसार 35 साल की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते 66 फीसद लोग और हाफ सेंचुरी यानी 50 वर्ष की आयु तक 85 प्रतिशत लोग गंजेपन के शिकार होने लगते हैं. मजेदार बात यह है कि इन्हीं आंकड़ों में भारत की कॉस्मेटिक इंडस्ट्री की ग्रोथ की रफ्तार भी छिपी है. यह कॉस्मेटिक इंडस्ट्री का एक ऐसा क्षेत्र है, जिसे महिलाएं नहीं, बल्कि पुरुष आगे बढ़ा रहे हैं.

ये भी पढ़ें– भारत Covid-19: महिलाओं से ज्यादा पुरुषों में घातक होता है कोरोना संक्रमण, जाने ऐसा क्यों होता है

फ्रॉस्ट एंड सुलिवन रिसर्च (Frost & Sullivan research) के मुताबिक भारत में हेयर ट्रांसप्लांट का बाजार सालभर में 30 फीसद की दर से बढ़ा है. 25 से 40 वर्ष के युवा इस मार्केट के सबसे बड़े ग्राहक बनकर उभरे हैं. खासतौर पर शादी के लिए पार्टनर तलाशने से पहले युवा अपनी लुक्स को बेहतर करने की चाह में हेयर ट्रांसप्लांट करवाने जाते हैं. भारत में औसतन होने वाले 100 हेयर ट्रांसप्लांट में 93 पुरुष होते हैं और 7 महिलाएं. 2022 में भारत में बालों का कारोबार 600 करोड़ रुपये का रहा. 2031 तक इस बाजार के 3 हजार करोड़ रुपये का होने का अनुमान है.

हेयर ट्रांसप्लांट के बाजार को नियम कायदों के दायरे में रखने के लिए पिछले वर्ष सितंबर में नेशनल मेडिकल कमिशन (NMC) ने गाइडलाइंस जारी की. इसके बावजूद हेयर ट्रांसप्लांट के कारोबार में लगे ज्यादातर क्लीनिक्स मेडिकल काउंसिल से रजिस्टर्ड ही नहीं हैं.

ये भी पढ़ें– क्या शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है गर्म पानी, जानें इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण

NMC की गाइडलाइंस के मुताबिक

रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर और ट्रेन्ड डॉक्टर ही हेयर ट्रांसप्लांट कर सकते हैं. उनके असिस्टेंट भी क्वालिफाइड और मेडिकल बैकग्राउंड के होने चाहिए.

जहां हेयर ट्रांसप्लांट किया जा रहा है वहां ऑपरेशन थिएटर और ICU होना चाहिए. अन्यथा सेंटर किसी ऐसे हॉस्पिटल से जुड़ा हो जहां आईसीयू की सुविधा हो, ताकि मरीज को दिक्कत होने पर उनको वहां दाखिल किया जा सके.

ट्रांसप्लांट करवाने वाले व्यक्ति को प्रोसीजर और कॉम्प्लिकेशन की पूरी जानकारी दी जानी चाहिए.

इन नियम-कायदों की जरूरत क्यों पड़ी?

हेयर ट्रांसप्लांट की डिमांड बढने से अब गली नुक्कड़ में ये सेंटर खुल गए हैं.

कई जगहों पर एमबीबीएस डॉक्टर नहीं, बल्कि नौसिखिए ये काम कर रहे हैं.

किसी सेंटर में कुछ दिन देखने और सीखने के बाद कोई भी ऐसे सेंटर खोल लेता है.

कई ऐसे सेंटर भी हैं, जहां टेक्नीशियन्स ही हेयर ट्रांसप्लांट जैसी संवेदनशील सर्जरी को अंजाम दे रहे हैं.

देश के कई हिस्सों से पिछले दो सालों में हेयर ट्रांसप्लांट प्रोसीजर की वजह से लोगों की मौत की खबरें रिपोर्ट हुई हैं.

ये सच है कि बेहतर लुक्स और कॉन्फिडेंस के लिए हेयर ट्रांसप्लांट आज एक बेहतरीन विकल्प के तौर पर उभरा है. हेयर ट्रांसप्लांट एक कॉस्मेटिक प्रोसीजर जरूर है, लेकिन ये प्रोसीजर बहुत ही सावधानी से और मरीज को बेहोश करके ही किया जा सकता है. किसी भी अन्य सर्जरी की तरह इस सर्जरी में भी हर तरह की सावधानी बरतने के बावजूद कई तरह के खतरे हो सकते हैं.

ये भी पढ़ें– Adani Group: अडानी मामले में SEBI ने तोड़ी चुप्पी, शेयरों की कीमतों और कार्रवाई करने पर कही ये बात!

हेयर ट्रांसप्लांट का कारोबार ब्यूटी से जुड़ा का जरूर है, लेकिन ये एक सर्जिकल प्रोसीजर है. इसलिए अगर आप बाल उगाने के बारे में सोच रहे हैं, तो पहले ये समझ लीजिए कि ये सर्जरी जैसा ही काम है. ये लंबी प्रक्रिया है और संवेदनशील भी है.

डॉक्टर की बात भी जान लें

हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ नवनीत हरोर के मुताबिक आमतौर पर मरीज के सिर के ही पिछले हिस्से के बाल लिए जाते हैं और आगे लगा दिए जाते हैं. सिर पर बिल्कुल बाल ना हों तो दाढ़ी या स्किन से बाल लिए जा सकते हैं. एक बाल लगाने का खर्च 40 से 100 रुपये तक आ सकता है. आमतौर पर 2 से 3 हजार बाल लगाने पड़ सकते हैं. जो बाल लगाए जाते हैं उनमें से 60-70 फीसद बाल झड़ जाते हैं, लेकिन जड़ बनी रहती है और धीरे धीरे बाल उगने लगते हैं.

पूरी तरह से ट्रांसप्लांट के नतीजे दिखने में 6 महीने से एक साल तक लग सकता है. ट्रांसप्लांट करवाने के बाद बालों की देखभाल भी जरूरी है. बालों के खास शैंपू और तेल के अलावा PRP सेशन्स लेते पडते हैं. इसमें मरीज के प्लाज्मा को ही सिर में inject किया जाता है.

ये भी पढ़ें– मुफ्त में विदेश यात्रा करने का मौका! ऐसा ऑफर फिर नहीं मिलेगा, ये देश दे रहा 5 लाख फ्री प्लेन टिकट

किन लोगों को हेयर ट्रांसप्लांट नहीं करवाना चाहिए?

यह जानना बहुत जरूरी है कि हर उपाय हर किसी के लिए काम नहीं कर सकता. डायबिटीज के मरीज को हेयर ट्रांसप्लांट कराने से पहले डॉ. से सलाह लेनी चाहिए. हाई बीपी के मरीज को भी हेयर ट्रांसप्लांट करवाने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है.

एलर्जी की दवा लेने वाले मरीजों को हेयर ट्रांसप्लांट नहीं करवाना चाहिए. दरअसल इस सर्जरी के बाद मरीज को घाव सूखने की कई दवाएं भी दी जाती हैं. ये दवाएं एलर्जी के मरीज के लिए बहुत ही अधिक खतरनाक हो सकती हैं.

ऐसे मरीज जिन्हें पेसमेकर लगा है या अन्य कोई आर्टिफिशियल उपकरण शरीर में लगा है, इन्हें भी हेयर ट्रांसप्लांट का रिस्क लेने से बचना चाहिए. इस ऑपरेशन के दौरान दिया जाने वाला एनेस्थीसिया और ग्राफ्टिंग की प्रक्रिया हृदय रोगियों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top