Pervez Musharraf Death: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का दुबई में निधन हो गया. कुछ दिनों पहले परवेज मुशर्रफ का जो आखिरी वीडियो सामने आया उसमें देखा गया कि वह चलने फिरने में असमर्थ थे. मुशर्रफ पूरी तरह व्हील चेयर के भरोसे थे और खाना तक नहीं खा पा रहे थे.
ये भी पढ़ें– अमेरिका ने मार गिराया चीन का जासूसी बैलून…मलबे की कर रहा जांच, दोनों देशों के बीच बढ़ा तनाव
Pervez Musharraf passed away: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का दुबई में निधन हो गया. परवेज मुशर्रफ गंभीर बीमारियों के शिकार थे. मुशर्रफ 2001 से 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे. इसके पहले वो आर्मी चीफ भी रहे चुके थे. परवेज मुशर्रफ को करगिल की जंग के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया जाता है. पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक अमाइलॉइडोसिस बीमारी से जूझ रहे थे. उन्होंने ही पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का तख्तापलट किया था.
ये भी पढ़ें– Spy Balloon पर US-China में बढ़ा तनाव, भड़के अमेरिका ने लिया ये बड़ा फैसला
दुबई में चल रहा था इलाज
आपको बताते चलें कि मुशर्रफ मार्च 2016 में इलाज कराने के लिए दुबई गए थे, तभी से वह वहीं अपना इलाज करा रहे थे. इसके पहले भी कई बार उनकी मौत की खबर आ चुकी थीं लेकिन तब उनके परिवार ने उन खबरों का खंडन किया था. लंबी बीमारी के दौरान वो कई बार वेंटिलेटर पर रहे. लेकिन इस बार वो जिंदगी की जंग हार गए. कुछ दिनों पहले परवेज मुशर्रफ का जो आखिरी वीडियो सामने आया उसमें देखा गया कि वह चलने फिरने में पूरी तरह लाचार थे. वो व्हील चेयर के भरोसे थे और खाना तक नहीं खा पा रहे थे.
मुशर्रफ को मिली थी फांसी की सजा
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को फांसी की सजा सुनाई गई है. पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार पेशावर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस वकार अहमद सेठ की अध्यक्षता में विशेष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने ऐसी सजा सुनाई थी.
देशद्रोह का चल रहा था मामला
3 नवंबर, 2007 को पाकिस्तान में इमरजेंसी लगाने और और दिसंबर 2007 के बीच संविधान को निलंबित करने के जुर्म में परवेज मुशर्रफ पर साल 2013 में देशद्रोह का मामला दर्ज हुआ था. अदालत में मुशर्रफ को 31 मार्च, 2014 को दोषी ठहराया गया था.
ये भी पढ़ें– इस देश में सैलरी को बढ़ाने को लेकर मचा बवाल, 10 साल में की गई सबसे बड़ी स्ट्राइक
भारत में हुआ था जन्म
मुशर्रफ का जन्म दरियागंज दिल्ली में हुआ था. 1947 के बंटवारे में उनकी फैमिली ने पाकिस्तान जाने का फैसला किया. बंटवारे के चंद रोज पहले उनका पूरा परिवार पाकिस्तान पहुंच गया था.