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अदानी ग्रुप को लेकर RBI की क्या है सफाई? रेपो रेट में बढ़ोतरी के पीछे क्या है वजह? जानें पॉलिसी की इनसाइड स्टोरी

रिजर्व बैंक का मानना है कि महंगाई दर में अगले साल तक कमी आएगी. लेकिन ये कमी इतनी नहीं होगी कि रिजर्व बैंक के औसत महंगाई दर के लक्ष्य के नीचे पहुंच जाए.

रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने रेपो रेट (Repo Rate) में चौथाई फीसदी की बढ़ोतरी कर कर्ज महंगा करने का संकेत दे दिया है. रेपो रेट वो दर होती है जिस दर पर बैंक रिजर्व बैंक से छोटी मियाद की उधारी लेते हैं. रिजर्व बैंक का मानना है कि महंगाई दर में अगले साल तक कमी आएगी. लेकिन ये कमी इतनी नहीं होगी कि रिजर्व बैंक के औसत महंगाई दर के लक्ष्य के नीचे पहुंच जाए. रिजर्व बैंक की आज की पॉलिसी में और किन मुद्दों पर चर्चा हुई जानिए इनसाइड स्टोरी. 

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रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी क्यों किया? 

RBI ने दर बढ़ाई, कर्ज महंगा करने के संकेत 

-रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.25% बढ़ोतरी की 

-रेपो रेट की दर अब बढ़कर 6.50% हो जाएगी 

-2023-24 में महंगाई की दर में कमी आने के संकेत 

-लेकिन 4% के महंगाई दर के लक्ष्य से ऊपर ही रहेगी 

-कोर महंगाई दर पर चिंता कायम, इसमें कमी नहीं 

-ग्लोबल हालात, उतार चढ़ाव और कच्चे तेल से चिंता  

-इकोनॉमी मजबूत है और अलग अलग क्षेत्र में मांग 

-शहरों में अच्छी खपत, ग्रामीण इलाकों से भी डिमांड  

-लोन पर पेनाल्टी के नियम को ठीक करेगा रिजर्व बैंक 

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-पेनाल्टी को मुनाफा कमाने का जरिया नहीं बनने देगा 

-पेनाल्टी के नियम ज्यादा ट्रांसपैरेंट बनाएगा रिजर्व बैंक 

-QR कोड के जरिए सिक्के देने वाले ATM लगाएंगे बैंक 

-MSME के लिए TReDS पर बीमा की सुविधा मिलेगी 

-TReDS पर खरीद-बिक्री की सुविधा आसान बनेगी  

अदानी ग्रुप को लेकर रिजर्व बैंक ने क्या सफाई दी है? 

-एक ग्रुप को लोन से पूरे बैंकिंग सिस्टम को खतरा नहीं 

-भारतीय बैंकों क स्थिति काफी अच्छी, चिंता नहीं है 

-ग्रुप को लोन, बैंकों के कुल लोन के मुकाबले में काफी कम  

-3-4 साल में बैंकों के लोन पर नियम कड़े किए गए हैं 

-एक ग्रुप को लेकर सारी चिंता मार्केट कैप में गिरने से 

-जबकि बैंक मार्केट कैप देखकर किसी को लोन नहीं देते 

-कैश फ्लो, संपत्तियां और दूसरे पहलू देखकर बैंकों लोन

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