Electric Vehicle: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री (Union Road Transport and Highways Minister) नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) के मामले में अहम जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि अगले दो सालों में इलेक्ट्रिक कारों की कीमत पेट्रोल-डीजल गाड़ियों के बराबर हो जाएंगी।
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आने वाले समय में ऑटो सेक्टर में भी कई बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। एक मीडिया को दे गए इंटरव्यू में नितिन गडकरी ने इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों पर अपना फोकस बढ़ा रही है। जैसे -जैसे इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ेगी। इसकी कीमतों में गिरावट आने लगेगी।
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गडकरी ने कहा कि हम मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर पर तेजी से काम कर रहे हैं। मौजूदा समय में इलेक्ट्रिक कारें 400 किमी तक की रेंज मुहैया करा रही हैं। दिल्ली-मुंबई हाइवे पर 670 चार्जिंग पॉइंट लगाने की तैयारी है। ताकि इलेक्ट्रिक व्हीकल से सफर करने वाले लोगों को किसी भी तरह की कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या 50 लाख गडकरी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि आज तक किसी की भी इलेक्ट्रिक कार सड़क पर बंद नहीं हुई है।
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मौजूदा समय में देश में करीब 30 करोड़ इलेक्ट्रिक वाहन हैं। इनमें से लगभग 50 इलेक्ट्रिक वाहन हैं। इनकी संख्या तेजी से बढ़ रही है। वहीं इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड में तेजी आने से कार बनाने वाली कंपनियां भी इलेक्ट्रिक वाहनों को बनाने में जोर दे रही हैं। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति लोगों का भरोसा बढ़ा है। जैसे-जैसे इन वाहनों की संख्या बढ़ेगी। कीमतों में गिरावट आनी शुरू हो जाएगी। दो साल के भीतर पेट्रोल-डीजल के बराबर इलेक्ट्रिक वाहन मिलने लगेंगे। नितिन गडकरी का ऐलान, 1 अप्रैल से सड़कों पर नहीं चलेंगी 9 लाख से ज्यादा सरकारी गाड़ियां और बसें लाखों वाहन होंगे स्क्रैप गडकरी के मुताबिक, व्हीकल स्क्रैप पालिसी के तहत 15 साल से पुरानी जिन गाड़ियों को स्क्रैप किया जायेगा। अगर उनके किसी पार्ट का इस्तेमाल किया जा सकेगा तो उ,का उपयोग किया जाएगा। फिलहाल स्क्रैप होने वाली गाड़ियों की संख्या लगभग 9 लाख है, जो आने वाले समय में 50 लाख पहुंच जाएगी। इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाना पेट्रोल गाड़ियों के मुकाबले काफी सस्ता है।