RBI Monetary Policy 2023: आरबीआई 12 शहरों में सिक्के निकालने के लिए वेंडिंग मशीन लगाने जा रहा है. पहले इसका पायलेट प्रोजेक्ट लॉन्च किया जाएगा. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज मौद्रिक फैसलों की घोषणा करते हुए यह बात कही.
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नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नक शक्तिकांत दास ने आज मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में हुए फैसलों की घोषणा करते हुए बताया कि केंद्रीय बैंक क्यूआर आधारित वेंडिंग मशीन का पायलेट प्रोजेक्ट लॉन्च करेगा. ऐसा सिक्कों की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए किया जाएगा. रिजर्व बैंक शुरुआती चरण में इसे 12 शहरों में शुरू करेगा. गवर्नर ने कहा है कि इन मशीनों का इस्तेमाल UPI के जरिए किया जाएगा और यहां बैंक नोट की जगह सिक्के निकलेंगे.
आरबीआई गर्वनर ने 2023 की अपने पहले मौद्रिक भाषण में रेपो रेट को 0.25 फीसदी बढ़ाने की घोषणा की है. यह लगातार छठी बार है जब आरबीआई द्वारा रेपो रेट में वृद्धि की जा रही है. रेपो रेट अब 6.50 फीसदी तक पहुंच गई है. इससे बैंकों का लोन और महंगा होने की आशंका है. जिन लोगों पर पहले से कर्ज है उनके लिए EMI महंगी हो जाएगी. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति की बैठक में 6 में से 4 लोगों ने रेपो रेट बढ़ाने के पक्ष में अपना मत दिया.
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महंगाई दर काबू में आने की उम्मीद
शक्तिकांत दास के अनुसार, वित्त वर्ष 23 के लिए CPI आधारित महंगाई दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 6.7 फीसदी थी. वहीं, अगले वित्त वर्ष यानी 2023-24 में इसके गिरकर 5.3 फीसदी पर आ जाने की उम्मीद है. बकौल गवर्नर दास रबी सीजन में अच्छी पैदावार होने के कारण खाने-पीने की चीजों में महंगाई घटेगी.
भारत की विकास दर
देश की जीडीपी की ग्रोथ को लेकर शक्तिकांत दास ने कहा है कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की वास्तविक विकास दर 6.4 फीसदी रहने का अनुमान है. बकौल दास, अप्रैल-जून 2023 तिमाही में यह 7.8 फीसदी पर पहुंच जाएगी जो पिछले वर्ष की समान में 7.1 फीसदी थी. इसके अलावा जुलाई-सिंतबर में 5.9 फीसदी के मुकाबले 6.2 फीसदी, अक्टूबर-दिसंबर में 6 फीसदी और जनवरी-मार्च 2024 में इसके 5.8 फीसदी की गति से बढ़ने का अनुमान है. शक्तिकांत दास ने बताया कि भारतीय रुपया अन्य एशियाई मुद्राओं के मुकाबले ज्यादा स्थिर रही है. उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था अब कुछ महीने पहले के मुकाबले बेहतर स्थिति में है, लेकिन कई देशों में महंगाई दर अब भी लक्षित दायरे से बाहर बनी हुई है.
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