Vijaya Ekadashi Vrat 2023 Date: इस साल विजया एकादशी का व्रत दो दिन पड़ रहा है. 16 फरवरी दिन गुरुवार और 17 फरवरी दिन शुक्रवार को विजया एकादशी व्रत है. जानते हैं कि विजया एकादशी व्रत गृहस्थों को किस दिन रखना चाहिए. उनके लिए पारण का समय और पूजा मुहूर्त क्या होगा?
इस साल विजया एकादशी का व्रत दो दिन पड़ रहा है. 16 फरवरी दिन गुरुवार और 17 फरवरी दिन शुक्रवार को विजया एकादशी व्रत है. ऐसे में समस्या यह हो गई है कि विजया एकादशी का व्रत 16 फरवरी को रखा जाए या 17 फरवरी को. इस तरह के एकादशी व्रत में एक स्मार्त एकादशी होती है और दूसरी वैष्णव एकादशी. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि विजया एकादशी व्रत गृहस्थों को किस दिन रखना चाहिए. उनके लिए पारण का समय और पूजा मुहूर्त क्या होगा?
ये भी पढ़ें– ज्योतिष शास्त्र: जीवन में कुछ नहीं चल रहा अच्छा तो अपनी दिनचर्या में शामिल करें ये उपाय
विजया एकादशी 2023 दो दिन
ज्योतिषाचार्य भार्गव के अनुसार, 17 फरवरी को विजया एकादशी व्रत की तिथि तड़के 02 बजकर 49 मिनट पर ही खत्म हो जा रही है, लेकिन सूर्योदय के समय हरि वासर की मौजूदगी विजया एकादशी व्रत को दो दिन कर रहा है. ऐसे में 16 फरवरी को विजया एकादशी स्मार्त और 17 फरवरी को विजया एकादशी वैष्णव है.
पंचांग के आधार पर देखा जाए तो फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 16 फरवरी को प्रात: 05:32 से प्रारंभ होकर 17 फरवरी को तड़के 02:49 एएम पर खत्म हो रही है. ऐसे में उदयातिथि को मानते हुए विजया एकादशी व्रत 16 फरवरी को होना चाहिए, लेकिन 17 फरवरी को हरि वासर सुबह 08:01 बजे खत्म हो रहा है.
गृहस्थ 16 फरवरी को रखें विजया एकादशी व्रत
विजया एकादशी स्मार्त व्रत गृहस्थों के लिए होता है. गृहस्थों को 16 फरवरी को ही विजया एकादशी व्रत रखना चाहिए और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. तब भी एकादशी व्रत दो दिन होता है तो पहला दिन गृहस्थों के लिए होता है और दूसरा वैष्णवजन के लिए.
पूजा मुहूर्त और पारण
16 फरवरी को जो लोग विजया एकादशी व्रत रखेंगे, वे सुबह में पूजा पाठ कर लेंगे और 17 फरवरी को हरि वासर खत्म होने के बाद पारण कर लेंगे. उस दिन गृहस्थों के लिए पारण का समय सुबह 08:01 बजे से लेकर 09:13 बजे तक है.
वैष्णव 17 फरवरी को रखें विजया एकादशी व्रत
वैष्णव संप्रदाय के विष्णु भक्त विजया एकादशी व्रत 17 फरवरी को रखेंगे. उस दिन वह सुबह में पूजा पाठ करेंगे. वे लोग विजया एकादशी व्रत का पारण 18 फरवरी को सुबह 06:57 बजे से लेकर सुबह 09:13 बजे के बीच कर सकते हैं.
हरि वासर में पारण वर्जित
हरि वासर के समय में विजया एकादशी व्रत का पारण नहीं किया जाता है. इससे दोष लगता है और व्रत फल भी प्राप्त नहीं होता है. एकादशी व्रत में चावल नहीं खाना चाहिए.
विजय प्राप्ति के लिए रखें विजया एकादशी व्रत
भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया था कि विजया एकादशी व्रत मनुष्यों को विजय प्रदान करती है. जो व्यक्ति सफलता की चाह रखता है, उसे विजया एकादशी व्रत अवश्य करना चाहिए.