50 lakh people in India and Pakistan vulnerable to deadly glacial floods: न्यूकैसल यूनिवर्सिटी के नए अध्यन से पता चलता है कि भारत और पाकिस्तान के करीब 50 लाख लोग संभावित बाढ़ के शिकार हो सकते हैं. शोधकर्ताओं ने पाया कि 15 मिलियन लोग एक हिमनदी झील के 50 किमी के दायरे में रहते हैं और हाई माउंटेन एशिया में इसका सबसे ज्यादा खतरा है. इस क्षेत्र में तिब्बती पठार, किर्गिस्तान से लेकर चीन, भारत और पाकिस्तान शामिल हैं.
नई दिल्ली. पिछले वर्ष भारत और पड़ोसी देश पाकिस्तान दोनों विनाशकारी बाढ़ (Flood in India-Pakistan) की चपेट में आये थे. भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में तो बाढ़ ने जमकर कहर मचाया था. इस बाढ़ की चपेट में आने के बाद करीब 2000 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था. हालांकि अभी भी दोनों देशों को ऐसी कई आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है. इंडिया टुडे में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने पाया है कि भारत और पाकिस्तान में रहने वाले 50 लाख लोगों को जलवायु परिवर्तन (Climate Change Risks) के कारण आने वाले समय में भयंकर बाढ़ का सामना करना पड़ेगा.
ये भी पढ़ें– पाकिस्तान की मरती जनता पर फिर महंगाई की मार, अब 1KG चिकन ₹780 में, दूध का दाम तो पूछिए ही मत
ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड के सबसे बड़े जोखिम वाले क्षेत्रों के पहले वैश्विक मूल्यांकन से पता चला है कि विश्व स्तर पर 15 मिलियन लोग जोखिम में हैं. ग्लेशियल झील का विस्फोट (Glacial floods) जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली घटना है. जैसे-जैसे पृथ्वी गर्म होती है तो ग्लेशियर तेजी से पीछे हटने लगते हैं, पिघला हुआ पानी ग्लेशियर के सामने झील बनाने के लिए जमा हो जाता है. इन झीलों में अचानक फटने की प्रवृत्ति होती है जिससे बड़ी मात्रा में पानी नीचे की ओर जमा हो जाता है. आप इसे केदारनाथ में आई भीषण आपदा से जोड़ सकते हैं जहां ग्लेशियल झील के फटने के कारण हजारों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था.
वैज्ञानिकों के मुताबिक ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (जीएलओएफ) अपने मूल स्थल से बड़ी दूरी तक तबाही मचा सकता है. कुछ मामलों में 120 किमी से अधिक दूरी तक विनाश कर सकता है. नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित नए अध्ययन में कहा गया है कि विस्फोट एक बड़े खतरे को दर्शाता है और इसके परिणामस्वरूप जीवन का महत्वपूर्ण नुकसान हो सकता है. विश्व स्तर पर, 1990 के बाद से, नीचे की ओर आबादी के साथ-साथ हिमनदी झीलों की संख्या और आकार में तेजी से वृद्धि हुई है.
ये भी पढ़ें– Earthquake: कहीं एक और तबाही की आहट तो नहीं? अब अफगानिस्तान में सुबह-सुबह आया भूकंप, जानें कितनी रही तीव्रता
न्यूकैसल यूनिवर्सिटी की टीम ने दुनिया भर में 1,089 ग्लेशियल झील घाटियों और झीलों के लगभग 50 किलोमीटर क्षेत्र में रहने वाली आबादी पर अध्यन किया. इसके बाद उन्होंने वैश्विक स्तर पर जीएलओएफ से होने वाले नुकसान की क्षमता को मापने और रैंक करने के लिए इस जानकारी का उपयोग और लोगों की बाढ़ से निपटने की क्षमता का आकलन किया. उन्होंने पाया कि 15 मिलियन लोग एक हिमनदी झील के 50 किमी के दायरे में रहते हैं और हाई माउंटेन एशिया में इसका सबसे ज्यादा खतरा है. इस क्षेत्र में तिब्बती पठार, किर्गिस्तान से लेकर चीन, भारत और पाकिस्तान शामिल हैं. अध्ययन से पता चला है कि भारत और पाकिस्तान में रहने वाले 5 मिलियन लोगों के साथ 9.3 मिलियन लोग संभावित रूप से जोखिम में हैं.