Loan Against Mutual Fund: उपभोक्ता कर्ज लेने के लिए आसानी से डिजिटल एसेट्स जैसे म्यूचुअल फंड का लाभ उठा सकते हैं. आप अपने म्यूचुअल फंड यूनिट्स पर लोन ले सकते हैं.
नई दिल्ली. अगर आप म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) में निवेश करते हैं तो इसका एक बड़ा फायदा है. अगर आपको अचानक किसी काम के लिए पैसे की आवश्यकता पड़ जाती है और आपके पास म्यूचुअल फंड है तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है. आप इनके बदले आसानी से लोन (Loan) भी ले सकते है.
भारतीय ज्यादातर प्रॉपर्टी, एग्रीकल्चर लैंड, सोना या वाहन जैसे कोलैटरल के बदले लोन लेते हैं. हालांकि, जैसे-जैसे डिजिटलीकरण आगे बढ़ रहा है, उपभोक्ता कर्ज लेने के लिए आसानी से डिजिटल एसेट्स जैसे म्यूचुअल फंड का लाभ उठा सकते हैं.
ओवरड्राफ्ट सुविधा के रूप में
म्युचुअल फंड यूनिटों के एवज में लोन ओवरड्राफ्ट सुविधा के रूप में दिया जाता है और क्रेडिट के रूप में ली गई रकम पर ब्याज लगाया जाता है. इस मामले में लोन अमाउंट काफी हद तक लोन के बदले उपयोग की जाने वाली म्यूचुअल फंड यूनिट्स के वैल्यू पर निर्भर करती है.
म्यूचुअल फंड यूनिट्स के बदले लोन
निवेशक बैंक या वित्तीय संस्थान में अपने द्वारा होल्ड म्यूचुअल फंड यूनिट्स के बदले लोन के लिए आवेदन कर सकता है. किसी भी बैंक या एनबीएफसी से संपर्क करके इक्विटी या हाइब्रिड म्यूचुअल फंड के बदले कर्ज प्राप्त किया जा सकता है. आप म्यूचुअल फंड पर आसानी से ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों माध्यम लोन ले सकते हैं.
लोन अमाउंट और ब्याज दरें
निवेशक को मिलने वाली लोन अमाउंट म्यूचुअल फंड की कैटेगरी के अधीन होती है जिसमें उन्होंने निवेश किया है. आमतौर पर नेट एसेट वैल्यू (NAV) का 50 से 75 फीसदी होता है. जिस ब्याज दर पर कर्ज चुकाया जाना है, वह भी उधारकर्ता और बैंक द्वारा सहमत प्रारंभिक नियमों और शर्तों के अधीन होता है.