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ITR Filing: ITR फाइलिंग में उठा सकते हैं 50,000 रुपये की मानक कटौती का लाभ, दावा करने के लिए किसी दस्तावेज की जरूरत नहीं

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ITR Filing: ITR फाइलिंग में 50,000 रुपये की मानक कटौती का लाभ उठा सकते हैं. इसके लिए दावा करने को किसी दस्तावेज की जरूरत नहीं होती है. वेतनभोगी व्यक्ति, पेंशनभोगी और पारिवारिक पेंशनभोगी अब नई व्यवस्था के तहत मानक कटौती का लाभ उठा सकते हैं.

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ITR Filing | Standard Deduction: केंद्रीय बजट 2023-24 में आयकर दाताओं के लिए मानक कटौती का लाभ नई व्यवस्था में बढ़ाने का एलान किया गया था. वेतनभोगी व्यक्ति, पेंशनभोगी और पारिवारिक पेंशनभोगी अब नई व्यवस्था के तहत मानक कटौती का लाभ उठा सकते हैं.

आप में से कई लोग धारा 80C, 80D, 80DDB और आयकर अधिनियम के अन्य प्रावधानों के तहत प्रदान की जाने वाली विभिन्न कटौतियों के बारे में जानते होंगे. लेकिन, सभी करदाता बिना किसी निवेश के भी मानक कटौती का लाभ उठा सकते हैं.

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आपकी कर योग्य आय को कम करने का सबसे आम तरीका धारा 80सी के तहत प्रदान की गई कटौती का दावा करना है. यह सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF), इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS), राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) कर-बचत सावधि जमा (FD) और अन्य जैसे विभिन्न साधनों में किए गए निवेश के लिए 1.5 लाख रुपये तक की कटौती की अनुमति देता है. आपकी कर योग्य आय को कम करने का दूसरा सबसे आम तरीका धारा 80डी के माध्यम से है. यह खंड स्वयं, पति/पत्नी, बच्चों और माता-पिता के लिए भुगतान किए गए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कटौती की अनुमति देता है.

इस धारा के तहत उपलब्ध अधिकतम कटौती 25,000 रुपये है और वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह 50,000 रुपये है.

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कोई दस्तावेज या निवेश प्रमाण जमा करने की आवश्यकता नहीं

आयकर अधिनियम 1961 की धारा 16 के तहत, प्रत्येक वेतनभोगी अपनी कर योग्य आय पर एक मानक कटौती प्राप्त कर सकता है. इसका दावा करने के लिए आपको कोई दस्तावेज या निवेश प्रमाण जमा करने की आवश्यकता नहीं है. अगर कोई पेंशनभोगी है तो वह भी इस स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा उठा सकता है. इसके लिए आपको बीमा खरीदने या निवेश का कोई सबूत दिखाने की जरूरत नहीं है.

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स्टैंडर्ड डिडक्शन में होता रहता है बदलाव

सरकार समय-समय पर महंगाई को ध्यान में रखते हुए स्टैंडर्ड डिडक्शन में बदलाव करती रहती है. मौजूदा समय में करदाताओं को 50,000 रुपये तक का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिल सकता है. इसका मतलब है कि आप बिना कुछ किए 50,000 रुपये तक बचा सकते हैं. इसका सबसे बड़ा फायदा उन वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए है जो सिर्फ 50,000 रुपये के मार्जिन की वजह से टैक्सेबल इनकम स्लैब में आते हैं. मानक कटौती आपकी कर योग्य आय को 50,000 रुपये कम कर देती है और बदले में, आपकी कर देनदारी कम कर देती है.

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नई कर व्यवस्था में छूट की सीमा बढ़ाकर 3 लाख की गई

पहले स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ सिर्फ उन लोगों तक ही सीमित था, जिन्होंने पुरानी टैक्स व्यवस्था को चुना था. हालांकि, केंद्रीय बजट 2023 के बाद, यह लाभ नई कर व्यवस्था का विकल्प चुनने वालों को भी दिया गया है. आप जो भी कर व्यवस्था चुनते हैं, आप 50,000 रुपये की मानक कटौती का दावा करने के हकदार हैं. नई टैक्स व्यवस्था में टैक्स छूट की सीमा भी बढ़ाकर 3 लाख रुपए कर दी गई है.

बता दें, इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है.

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