दिल्ली. दिल्ली में यमुना नदी की सफाई और किनारों के सौंदर्यीकरण को लेकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना की अध्यक्षता में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) की ओर से गठित उच्चस्तरीय समिति की बैठक हुई. बैठक में एलजी ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) से पूरे 200 किमी के दायरे से गाद निकालने में तेजी लाने का निर्देश दिए. एलजी ने बैठका में आदेश दिए हैं कि सभी 242 नालों को ट्रैप और रिकॉर्ड उन्हें दिया जाएगा.
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बैठक में उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने निर्देश दिए हैं कि यमुना प्रदूषण रोकने के लिए काम रहीं संबंधित एजेंसियां नदी में गिरने वाले क़रीब 500 नालों को रोके. एलजी ने दिल्ली जल बोर्ड को सीवर से गाद निकालने के लिए डेडलाइन दी है. उन्होंने कहा कि जल बोर्ड सीवर से गाद निकालने के काम में तेज़ी लाए और जून 2023 तक 90 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन से गाद निकाले. बता दें कि उपराज्यपाल ने यमुना की सफ़ाई के लिए एनजीटी द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति की तीसरी बैठक की अध्यक्षता की है.
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बैठक में यह बात सामने आई कि चाहे यमुना में प्रदूषण कम हुआ है, लेकिन नजफगढ़ नाले से पिछले साल के दौरान प्रदूषण का स्तर अधिक है. एलजी ने सफाई और कायाकल्प के लिए कार्यों को तयशुदा वक्त पर पूरा करने के आदेश दिए हैं.
इसके अलावा,मीटिंग में सीवेज के 100 फीसदी उपचार का लक्ष्य, रिकॉर्ड में सभी 242 नालों को फंसाना और 238 नालों को ट्रैप करना, अनधिकृत कॉलोनियों में सीवेज नेटवर्क, डीएसआईआईडीसी की ओर से सीईटीपी से औद्योगिक प्रदूषण का प्रबंधन और यमुना बाढ़ के मैदानों की सफाई, उपचारित अपशिष्ट जल का उपयोग सहित नजफगढ़ झील का पर्यावरण प्रबंधन को लेकर चर्चा की गई है.