दिल्ली के रामलीला मैदान में आज किसानों की महापंचायत हो रही है. कथित रूप से लगभग 500 किसान संगठन महापंचायत में शामिल होंगे.
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दिल्ली के रामलीला मैदान में आज किसानों की महापंचायत हो रही है. कथित रूप से लगभग 500 किसान संगठन महापंचायत में शामिल होंगे. दिल्ली पुलिस ने 2,000 से अधिक सुरक्षा कर्मियों को आयोजन स्थल पर तैनात किया है. केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों को भी तैनात किया गया है. शाम तक मांगों पर केंद्र सरकार की ओर से कोई जवाब ना मिलने की स्थिति में जंतर मंतर की ओर कूच करने की भी सूचना है. किसान संगठनों का दावा है कि देश के कोने कोने से लाखों किसान पहुंच रहे हैं. महापंचायत में राकेश टिकेट भी शामिल होंगे. किसान अपनी गाड़ी, रेल, बस, मेट्रो में बैठ कर पहुंच रहे हैं.
दिल्ली पुलिस रामलीला मैदान में हो रही ‘किसान महापंचायत’ के लिए ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है. ट्रैफिक पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि लोगों और वाहन चालकों को सलाह दी जाती है कि वे रामलीला मैदान के आसपास खासतौर पर दिल्ली गेट से अजमेरी गेट चौक के बीच जेएलएन मार्ग पर जाने से बचे. विभिन्न किसान संगठनों के संयुक्त मंच एसकेएम ने रविवार को बताया कि ‘किसान महापंचायत’ कृषि उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गांरटी को लेकर दबाव बनाने के लिए बुलाई गई है.
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने रविवार को कहा कि दिल्ली के रामलीला मैदान में 20 मार्च को होने वाली ‘किसान महापंचायत’ में हिस्सा लेने के लिए पूरे देश से लाखों किसानों ने राष्ट्रीय राजधानी के लिए कूच किया है. विभिन्न किसान संगठनों के संयुक्त मंच एसकेएम ने पिछले महीने बताया था कि ‘किसान महापंचायत’ कृषि उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गांरटी को लेकर दबाव बनाने के लिए बुलाई गई है.
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एसकेएम नेता दर्शन पाल ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार को नौ दिसंबर 2021 को हमें लिखित में दिए गए आश्वासन को पूरा करना चाहिए और साथ ही किसानों के सामने बढ़ते संकट को दूर करने के लिए कदम उठाने चाहिए.’’ गौरतलब है कि एसकेएम ने अब वापस हो चुके तीन कृषि कानूनों के खिलाफ करीब एक साल तक हुए किसान आंदोलन का नेतृत्व किया था. एसकेएम ने दिसंबर 2021 में अपना आंदोलन सरकार से प्रदर्शन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने और एमएसपी की गारंटी सहित उनकी लंबित मांगों पर विचार करने का आश्वासन मिलने के बाद वापस ले लिया था. एसकेएम ने केंद्र से एमएसपी पर गठित समिति को भंग करने की मांग की और आरोप लगाया है कि वह किसानों की मांग के विपरीत है. किसानों ने पेंशन देने, कर्ज माफी, किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को मुआवजा देने और बिजली विधेयक वापस लेने की मांग की है.