भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की जीवन आजाद पॉलिसी (Jeevan Azad Policy) को लोगों के बीच जोरदार रिस्पॉन्स मिला है. ये एक नॉन पार्टिसिपेटिंग बीमा स्कीम है. मैच्योरिटी के पूरा होने के बाद निवेश करने वालों को गारंटीड रिटर्न मिलता है.
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देश की सबसे बड़ी सरकारी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के पास हर उम्र के लोगों के लिए स्कीम है. आमतौर पर LIC में निवेश को सुरक्षित माना जाता है. इसलिए इसकी तमाम स्कीमों बड़ी संख्या में लोगों ने निवेश कर रखा है. जनवरी 2023 में LIC ने एक स्कीम लॉन्च की थी, जो सिर्फ 15 दिनों में 50,000 बिक गई. LIC के अध्यक्ष एमआर कुमार ने खुद इस बात की जानकारी दी थी. इस स्कीम का नाम जीवन आजाद पॉलिसी (Jeevan Azad Policy) है. ये एक नॉन पार्टिसिपेटिंग बीमा स्कीम है.
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मैच्योरिटी पर एकमुश्त मिलेगा पैसा
जीवन आजाद स्कीम में प्रीमियम भुगतान की अवधि माइनस 8 वर्ष है. मान लीजिए कि कोई निवेशक 18 साल की पॉलिसी अवधि का विकल्प चुनता है, तो उस व्यक्ति को 10 साल (18-8) के लिए ही प्रीमियम का भुगतान करना होगा. मैच्योरिटी पर पॉलिसी एकमुश्त राशि का भुगतान करने की गारंटी देती है. इस पॉलिसी में मिनिमम सम एश्योर्ड 2 लाख रुपये और मैक्सिमम सम एश्योर्ड 5 लाख रुपये है. इस पॉलिसी को 15 से 20 साल के लिए लिया जा सकता है.
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कौन कर सकता है निवेश?
मान लीजिए कि कोई 30 साल का व्यक्ति 18 साल के लिए जीवन आजाद स्कीम को लेता है. वो दो लाख रुपये के सम एश्योर्ड के लिए 12,038 रुपये 10 साल तक ही जमा करेगा. इस स्कीम में 90 दिनों के बच्चे से लेकर 50 साल तक की उम्र में वाला व्यक्ति निवेश कर सकता है. LIC की इस स्कीम को लेने वाला पॉलिसीहोल्डर सालाना, छमाही, तिमाही और मंथली आधार पर प्रीमियम भर सकता है. मैच्योरिटी पूरा होने पर पॉलिसी होल्डर्स को गारंटीड रिटर्न मिलता है.
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अगर किसी पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाती है, तो पॉलिसी लेने के समय चुना गया ‘बेसिक सम एश्योर्ड’ या वार्षिक प्रीमियम का 7 गुना भुगतान नॉमिनी को किया जाएगा. हालांकि, इसके लिए शर्त ये है कि मृत्यु की तारीख तक भुगतान किए गए कुल प्रीमियम 105 प्रतिशत से कम न हो.
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दिसंबर तिमाही के नतीजे
LIC ने दिसंबर की तिमाही में मुनाफे में 6,334 करोड़ रुपये की भारी वृद्धि दर्ज की है. जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 235 करोड़ रुपये थी. Q3FY22 में 6,334 करोड़ रुपये की भारी वृद्धि दर्ज की है. वहीं, एक साल पहले की अवधि में यह 235 करोड़ रुपये थी. Q3FY22 में 97,620 करोड़ रुपये की तुलना में Q3FY23 में LIC की शुद्ध प्रीमियम इनकम भी बढ़कर 1.1 लाख करोड़ रुपये हो गई है.