Health News: इंदौर की स्वास्थ्य व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए सरकारी अस्पतालों में एक सकारात्मक पहल की शुरुआत हुई है. अब शुगर और ब्लड प्रेशर के मरीजों एक महीने की दवा मिलेगी.
इंदौर. मध्य प्रदेश के इंदौर की स्वास्थ्य व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए सरकारी अस्पतालों में एक सकारात्मक पहल की शुरुआत हुई है. इससे सरकारी अस्पतालों में दवाई लेने के लिए जाने वाले लोगों को महीने में कई बार अस्पताल के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. इस पहल से विशेषकर शुगर और ब्लड प्रेशर के मरीजों को काफी राहत मिलेगी. बता दें कि शुगर और ब्लड प्रेशर के मरीजों को पहले दवाई लेने के लिए हर हफ्ते अस्पताल के चक्कर लगाने पड़ते थे. वहीं, अब मरीजों को 1 महीने की दवाई एक साथ ही मिल जाएगी, जिससे उन्हें काफी राहत मिलेगी और उन्हें बार-बार अस्पताल के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.
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इस पूरे मामले को लेकर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने डीन को लिखित आदेश भी जारी किए हैं. आदेश में यह कहा गया है कि ओपीडी विभाग में आने वाले ब्लड प्रेशर और शुगर के मरीजों को एक साथ 1 महीने की दवाई इकट्ठा दे दी जाए. सरकारी अस्पतालों में यह सुविधा लागू होने से ऐसे मरीज जो बड़े-बड़े प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवाकर मेडिकल शॉप से दवाई नहीं खरीद पाते हैं, तो उन्हें काफी मदद मिलेगी. आमतौर पर मेडिकल शॉप में शुगर और ब्लड प्रेशर की दवाई काफी महंगी होती है.
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डीन डॉ. संजय दीक्षित का कहना है कि आमतौर पर अगर देखा जाए तो मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में 300 से ज्यादा दवाइयां निःशुल्क होती हैं. पुराने नियमों के तहत मरीजों को ये दवाइयां लेने हर हफ्ते अस्पताल आना पड़ता था, लेकिन अब नए नियम के अनुसार 30 दिन की दवाई इकट्ठा दी जाएगी. प्रतिदिन लगभग 100 मरीज ऐसे आते हैं, जो कि बीपी और शुगर पीड़ित होते हैं. एक महीने की दवा एक साथ दिए जाने से ओपीडी का वर्कलोड भी घटेगा. साथ ही कहा कि गरीब वर्ग के लोग इंदौर और आसपास के कई गांवों से सरकारी अस्पतालों में दवाइयां लेने पहुंचते हैं. कई लोग तो बसों से सफर कर किराया देकर दवाइयां लेने के लिए अस्पताल पहुंचते हैं. जनता के हित को ध्यान में रखते हुए इस प्रकार के निर्देश सरकारी अस्पतालों को जारी किए गए हैं.