Gangaur Festival 2023: गणगौर का पर्व राजस्थान में 2 हफ्तों तक भी मनाया जाता है. हालांकि राजस्थान के बूंदी जिले के राजपरिवार में गणगौर पर आंट लगी हुई है. बूंदी के हाड़ा परिवार में आज भी गणगौर पर्व की खुशी का इंतजार है.
कोटा. राजस्थान में गणगौर का पर्व (Gangaur Festival 2023) बहुत ही हर्षोल्लास से सभी लोग मनाते हैं. वहीं कई दिनों पहले से गणगौर की तैयारियां शुरू हो जाती हैं. गणगौर पर बनने वाले गुणे हर घर में तैयार होने लगते हैं. महिलाएं इस दिन सज संवर कर गणगौर की पूजा करती हैं और गणगौर के गीत गाती है. गणगौर का यह पर्व राजस्थान में 2 हफ्तों तक भी मनाया जाता है.
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विशेष तौर पर राजपरिवारों में गणगौर का पर्व बहुत ही भव्यता के साथ मनाया जाता है, लेकिन राजस्थान के बूंदी जिले के राजपरिवार में गणगौर पर आंट लगी हुई है.
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बूंदी के हाड़ा परिवार में आज भी गणगौर पर्व की खुशी का इंतजार है. गणगौर के दिन आंट होने से आज भी यह राजपरिवार गणगौर पर्व की खुशियों से दूर हैं.
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राज परिवार के सदस्य बलभद्र सिंह ने बताया कि किसी जमाने में हाड़ा परिवार की गणगौर इतनी प्रसिद्ध थी कि जयपुर से पहले बूंदी का नाम इसमें शामिल होता था. रियासतकाल में महाराव राजा बुध सिंह जब भी कहीं बाहर चले जाते थे, तो बूंदी का कामकाज महाराज जोध सिंह संभालते थे.
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एक बार गणगौर के पर्व पर महाराव बुध सिंह दिल्ली गए हुए थे. उस समय गणगौर के उत्सव के दौरान बूंदी में महाराजा जोध सिंह गणगौर उत्सव में शामिल हुए और नाव में परिवार के सभी सदस्य गणगौर को लेकर तालाब पार कर रहे थे. इसी बीच गणगौर की सवारी का मदमस्त हाथी तालाब में उतर गया. नाव भी हाथी की आकार सी थी. हाथी ने नाव को पलट दिया, जिसमें गणगौर सहित राजपरिवार के सदस्य मारे गए. इस घटना के बाद से ही बूंदी के हाड़ा राजपरिवार में गणगौर का पर्व नहीं मनाया जाता है.