Amarnath Yatra Update: अमरनाथ यात्रा पर अब 13 साल से कम या 75 साल से अधिक उम्र के किसी भी व्यक्ति जाने की मंजूरी नहीं दी जाएगी. 3,880 मीटर ऊंचे गुफा मंदिर की 62 दिनों तक चलने वाली तीर्थ यात्रा एक जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक चलने वाली है. नए नियमों के मुताबिक छह सप्ताह से अधिक की गर्भावस्था वाली किसी भी महिला को यात्रा का भी रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाएगा.
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नई दिल्ली. अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra ) को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है. नए नियमों के मुताबिक अब 13 साल से कम या 75 साल से अधिक उम्र के किसी भी व्यक्ति को अमरनाथ यात्रा पर जाने की मंजूरी नहीं दी जाएगी. अमरनाथ की सालाना तीर्थयात्रा के लिए पंजीकरण 17 अप्रैल से शुरू हो गया था. बड़ी संख्या में लोग परमिट हासिल करने के लिए देश भर की नामित बैंक शाखाओं में पहुंचने लगे हैं. दक्षिण कश्मीर में 3,880 मीटर ऊंचे गुफा मंदिर की 62 दिनों तक चलने वाली तीर्थ यात्रा एक जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक चलने वाली है. नए नियमों के मुताबिक छह सप्ताह से अधिक की गर्भावस्था वाली किसी भी महिला को यात्रा का भी रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाएगा.
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बाबा अमरनाथ की यात्रा दो रास्तों से की जा सकती है. पहला- दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में पहलगाम के जरिये पारंपरिक 48 किलोमीटर का मार्ग और दूसरा मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में 14 किलोमीटर छोटा लेकिन खड़ी चढ़ाई वाला बालटाल मार्ग. अधिकारियों ने कहा कि यात्रा दोनों रास्तों से एक साथ शुरू होगी. पिछले साल की मैन्युअल प्रक्रिया की बजाय इस बार यात्रियों के लिए आधार प्रमाणीकरण आधारित फॉर्म जनरेशन सिस्टम बनाया गया है. पिछले साल तक यात्रियों को फॉर्म मैन्युअल रूप से दिए जाते थे. अब फॉर्म सिस्टम जनरेट किए जाएंगे. सभी इच्छुक यात्रियों के लिए पूरे भारत में नामित डॉक्टरों से स्वास्थ्य प्रमाणपत्र हासिल करना जरूरी है.
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जम्मू-कश्मीर पुलिस आगामी अमरनाथ यात्रा के बारे में एक तैयारी बैठक भी कर चुकी है. इलाके में पर्याप्त पुलिस और सुरक्षा बलों की तैनाती सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हो चुकी है. इस बैठक में मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य और इस वर्ष यात्रा के लिए संभावित खतरों के मद्देनजर सीआरपीएफ, पुलिस और खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों के बीच एक विस्तृत चर्चा की गई. वहीं जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा के लिए 2,500 से ज्यादा सचल शौचालय तैयार किए जाने की योजना है. अधिकारियों ने बताया कि इनमें से ज्यादातर शौचालय 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र गुफा तक जाने वाले दो प्रमुख रास्तों पर बनाए जाएंगे. लखनपुर से लेकर गुफा तक शौचालयों के प्रबंधन के लिए 1,500 लोगों को लगाया जाएगा.