लखनऊ: उत्तर प्रदेश में वाहनों के फिटनेस टेस्ट को लेकर अब वाहन स्वामियों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश मोटरयान नियमावली 1998 को संशोधित करते हुए प्रदेश के सभी वाहनों को किसी भी जनपद में फिटनेस सर्टिफिकेट प्राप्त करने की सुविधा दे दी है। शासन की ओर से इससे संबंधित अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। इस संशोधन के बाद नियमावली को उत्तर प्रदेश मोटरयान (29वां संशोधन) नियमावली 2023 कहा जाएगा। जानकारी हो कि अभी तक जो व्यवस्था थी, उसके तहत फिटनेस टेस्ट के लिए वाहन स्वामियों को फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए उसी जनपद में टेस्ट के लिए वाहन को ले जाना होता था, जहां उसकी रजिस्ट्री हुई हो। हालांकि इस संशोधन के बाद इससे प्रदेश के हजारों वाहन स्वामियों को बड़ी राहत मिलेगी।
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नियमावली में जो संशोधन किया गया है, उसके अनुसार राज्य के किसी भी जिले में वाहन के फिटनेस टेस्ट के लिए आवेदन किया जा सकेगा। अगर वाहन किसी अन्य राज्य में प्रचालित किया जा रहा है तो विहित प्राधिकारी उत्तर प्रदेश के सबसे करीबी जिले का रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी या स्वचालित परीक्षण केंद्र होगा। इसके अलावा अगर परीक्षण का संचालन रजिस्ट्रीकृत जिले से अलग किसी अन्य जिले में किया जाता है तो वहां निरीक्षणकर्ता अधिकारी या प्राधिकृत परीक्षण केंद्र को उसी दिन या अलगे कार्यदिवस में अपनी रिपोर्ट परिवहन विभाग के पोर्टल पर अपलोड करनी होगी।
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15 दिन में जारी होगा फिटनेस सर्टिफिकेटअगर निरीक्षणकर्ता अधिकारी के जरिए वाहन, अधिनियम और नियमावली के नियम के अनुपालन के अनुरूप पाया जाता है तो रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी फिटनेस सर्टिफिकेट 15 दिन में जारी करेंगे।। हालांकि, इसके बाद अगला प्रमाण पत्र जहां वाहन की रजिस्ट्री हुई है, वहीं किसी ऑथराइज परीक्षण केंद्र से प्राप्त किया जाएगा। इससे पहले जो व्यवस्था थी, उसमें विहित प्राधिकारी रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी ही होता था। फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने के लिए आवेदन पत्र उसी रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी या ऑथराइज परीक्षण केंद्र के सामने रखा जाता था, जिसके कार्यक्षेत्र में वाहन आता हो।
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60 दिन पहले करना होगा आवेदनकिसी वाहन को निरीक्षण के लिए प्रस्तुत किए जाने पर रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी या ऑथराइज परीक्षण केंद्र अधिनियम और नियमावली के अनुरूप वाहन के ठीक हालत में होने का प्रमाण पत्र स्वीकृत करेंगे। वाहन स्वामी फिटनेस सर्टिफिकेट समाप्त होने के दिन से 60 दिन के अंदर रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी या ऑथराइज परीक्षण केंद्र के समक्ष परीक्षण फीस के साथ वाहन प्रस्तुत कर सकता है। यदि व्हीकल टेस्ट में असफल रहता है तो फिर से परीक्षण के लिए वाहन स्वामी तय फीस देकर टेस्ट के लिए आवेदन कर सकता है। अगर वाहन के फिटनेस सर्टिफिकेट की समाप्ति के बाद रिन्यूअल का आवेदन किया जाता है तो रिन्यूअल सर्टिफिकेट जारी किए जाने की तारीख से प्रभावी होगा। वहीं यदि वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट समाप्त होने के पूर्व रिन्यूअल सर्टिफिकेट प्राप्त किया जाता है तो ऐसी स्थिति में रिन्यूअल, वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट समाप्त होने की तारीख से प्रभावी होगा।
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कई पुराने नियमों को किया खत्मसंशोधनों में कुछ नियमों को खत्म कर दिया गया है। इनमें रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी या प्राधिकृत परीक्षण केंद्र अब वाहन के अगले निरीक्षण के लिए दिन तय नहीं कर सकेगा। साथ ही वाहन स्वामी के प्रमाण पत्र की समाप्ति के कम से कम एक महीने के अंदर आवेदन करने और रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी के जरिए दिए गए दिन और समय की अनिवार्यता भी खत्म हो गई है। अगर स्वामी वाहन के ठीक होने का प्रमाण पत्र समाप्त होने के पहले निरीक्षण के लिए वाहन प्रस्तुत करने में विफल रहता है तो उसे तय फीस के साथ ही उसके बराबर अतिरिक्त धनराशि का भुगतान करना होगा।