मेटा पर यह जुर्माना अन्य देशों के फेसबुक-इंस्टाग्राम यूजर्स के डाटा को अमेरिका में भेजने के लिए लगाया गया है. भारतीय रुपये में यह रकम करीब 10,765 करोड़ रुपये होती है.
नई दिल्ली. दुनिया की दिग्गज सोशल मीडिया साइट मेटा (फेसबुक) पर यूरोपीय यूनियन ने 1.3 अरब डॉलर का भारी-भरकम जुर्माना लगाया है. जुर्माने की यह कार्रवाई गोपनीयता से जुड़े मामले को लेकर की गई है. भारतीय रुपये में यह रकम करीब 10,765 करोड़ रुपये होती है. यह जुर्माना अन्य देशों के फेसबुक-इंस्टाग्राम यूजर्स के डाटा को अमेरिका में भेजने के लिए लगाया गया है. नियामक ने अमेरिका में यूजर्स के डेटा की शिपिंग रोकने के लिए मेटा को एक डेडलाइन दी थी, लेकिन कंपनी यूजर्स की पर्सनल इंफॉर्मेशन को सुरक्षा देने में नाकाम रही.
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आयरिश डेटा प्रोटेक्शन कमीशन (DPC) ने कहा कि यूरोपीय डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड (EDPB) ने उन्हें मेटा से “1.2 बिलियन यूरो का प्रशासनिक जुर्माना” वसूलने का आदेश दिया. आइरिश डेटा प्रोटेक्शन कमीशन ने फैसले के अनुसार, “मेटा की ओर से यूएस में जारी डेटा ट्रांसफर उन लोगों के “मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रता का उल्लंघन है.
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2020 से चल रही थी जांच
डीपीसी 2020 से मेटा आयरलैंड के यूरोपीय संघ से संयुक्त राज्य अमेरिका में व्यक्तिगत डेटा के ट्रांसफर की जांच कर रहा था. इस फैसले में मेटा को भविष्य में यूजर्स के पर्सनल डेटा को यूएस भेजने पर रोक लगाई गई है, साथ ही स्टोरेज जैसी गैर-कानूनी प्रक्रिया को रोकने के लिए 6 महीने का समय दिया है. पहले से इस बात की उम्मीद जताई जा रही थी कि यूरोपियन यूनियन अमेरिकी कंपनी मेटा के डेटा ट्रांसफर पर रोक लगा सकती है.
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वहीं जुर्मान की इस कार्रवाई पर मेटा ने कहा कि यह “निराशाजनक है कि एकतरफा फैसला दिया गया.” कंपनी न इसे त्रुटिपूर्ण, अनुचित और अन्य कंपनियों के लिए एक खतरनाक मिसाल बताया है. बता दें कि इससे पहले इससे पहले ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन पर यूरोपीय संघ ने करीब 75 करोड़ यूरो का जुर्माना लगाया था. ये कार्रवाई प्राइवेसी पेनल्टी के तौर पर की गई थी.
यूरोपीय में अदालत का यह फैसला लंबे समय से चली आ रही प्रक्रिया के बाद आया है. इसके बाद फेसबुक और हजारों अन्य कंपनियों को कानून पचड़े में फंसते हुए देखा जा रहा है. यूरोपीय संघ की सबसे बड़ी अदालत ने 2020 में EU-SU ट्रीटी को रद्द कर दिया था, जो डेटा फ्लो से संबंधित था.