GST शुल्क माफी योजना के अंतर्गत व्यापारी अधिकतम 20000 रुपये का विलंब शुल्क चुकाकर बीते वर्षों का जीएसटी एक साथ दाखिल कर सकते हैं। ये स्कीम देरी से जीएसटी भरने वाले व्यापारियों के लिए है। (जागरण फाइल फोटो)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। केंद्र सरकार की ओर से देरी से जीएसटी भरने वाले व्यापारियों को राहत देने के लिए शुल्क माफी योजना चलाई जा रही है। इस योजना की अंतिम तिथि 30 जून नजदीक आ रही है।
शुल्क माफी योजना के तहत ऐसे जीएसटी करदाता को सरकार की ओर से राहत दी जा रही है, जिन्होंने पिछले छह वर्षों तक के रिटर्न भरे नहीं हैं। वे 30 जून 2023 तक रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। इस योजना को एक अप्रैल, 2023 से लागू किया गया था।
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GST में किसे मिलेगी राहत?
शुल्क माफी योजना के अंतर्गत उन व्यापारियों को राहत मिलेगी, जो वित्त वर्ष 2017-18 से लेकर 2021-22 तक किसी कारणवश रिटर्न जमा नहीं कर पाए हैं। वे व्यापारी अधिकतम लेट फीस चुकाकर जीएसटी रिटर्न फाइल कर सकते हैं।
कितनी है अधिकतम लेट फीस?
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अगर कोई भी देरी से जीएसटी रिटर्न जमा करता है तो उसे 200 रुपये प्रतिदिन या सालाना रिटर्न का 0.5 प्रतिशत हिस्सा टैक्स के रूप में देना होता है। शुल्क माफी योजना के तहत सरकार ने राहत देते हुए ऐसे सभी रिटर्न के अधिकतम 20 हजार रुपये का जुर्माना तय किया है। इसे भरने के बाद व्यापारी 30 जून तक रिटर्न जमा कर सकते हैं।
जीएसटी कंपोजिशन स्कीम के तहत आने वाले व्यापारियों के जुलाई 2017 से मार्च 2022 तक का रिटर्न जमा करने पर मात्र 500 रुपये का विलंब शुल्क देना होगा। वहीं, अगर किसी व्यापारी पर रिटर्न दाखिल करते समय शून्य देनदारी बनती है तो उसे कोई विलंब शुल्क नहीं देना होगा। वहीं, रिटर्न न भरने के कारण जिन व्यापारियों का पंजीकरण निरस्त हो गया है, उन्हें एक हजार रुपये के जुर्माने का भुगतान करना होगा।
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2022-23 में कितनी हुई की जीएसटी चोरी?
वित्त वर्ष 2022-23 में 1,01,300 करोड़ रुपये जीएसटी चोरी अधिकारियों की ओर से पता लगाई गई थी, यह पिछले वित्त वर्ष में हुई 54,000 करोड़ रुपये की कर चोरी से दोगुनी थी।