यूरोपीय कमीशन के इस फैसले का गूगल की मूल कंपनी, अल्फाबेट पर काफी प्रभाव पड़ने की संभावना है. अल्फाबेट ने पिछले साल अपने 60 बिलियन डॉलर का अधिकांश लाभ विज्ञापन से ही प्राप्त किया था.
नई दिल्ली: गूगल को यूरोपीय यूनियन (European Union) से बड़ा झटका लगा है. कंपनी पर आरोप है कि उसके द्वारा एंटी-कॉम्पिटेटिव प्रैक्टिसेज की जा रही है. यूरोपीय यूनियन की कार्यकारी शाखा यूरोपीय कमीशन इसे लेकर गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट पर उसके वार्षिक लाभ का 10 प्रतिशत तक जुर्माना लगा सकती है. 27 देशों के यूरोपीय यूनियन की तरफ से गूगल पर चौथी बार यह आरोप लगा है कि उसने ऑनलाइन विज्ञापन खरीदने और बेचने के लिए बाजार पर अपने नियंत्रण का दुरुपयोग किया है. गूगल पर यूरोपीय कमीशन से पहले अमेरिका में भी अवैध रूप से ऑनलाइन विज्ञापन पर एकाधिकार का दुरुपयोग करने का आरोप लगा था. ब्रिटेन की एंटी ट्रस्ट अथॉरिटी भी गूगल की इस मुद्दे पर जांच कर रही है. यूरोपीय नियामकों ने 2 साल पहले गूगल की जांच शुरू की थी.
गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट पर पड़ेगा प्रभाव
यूरोपीय कमीशन के इस फैसले का गूगल की मूल कंपनी, अल्फाबेट पर काफी प्रभाव पड़ने की संभावना है. अल्फाबेट ने पिछले साल अपने 60 बिलियन डॉलर का अधिकांश लाभ विज्ञापन से ही प्राप्त किया था. बताते चलें कि सर्च इंजन, ईमेल, मैप सहित गूगल की लगभग सभी लोकप्रिय सेवाओं को ऐड से सबसे अधिक लाभ होता रहा है. जिस कारण कंपनी इसे उपभोक्ताओं को निःशुल्क उपलब्ध करवाती रही है.
ये भी पढ़ें– आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की मंत्री हिना रब्बानी खार ने क्यों कहा, ‘फिलहाल भारत के साथ व्यापार मुमकिन नहीं’
यूरोपीय कमीशन ने क्या कहा?
यूरोपीय कमीशन के कार्यकारी उपाध्यक्ष मार्ग्रेथ वेस्टेगर ने एक बयान में कहा है कि गूगल तथाकथित एडटेक सप्लाई चेन के लगभग सभी स्तरों पर मौजूद है. उन्होंने कहा कि हमारी चिंता यह है कि कंपनी ने मार्केट में अपनी पकड़ का लाभ अपने सभी सर्विस को बढ़ाने के लिए किया होगा. उन्होंने कहा कि गूगल के इस तरह के कार्य से न सिर्फ इसके प्रतिस्पर्धियों को बल्कि प्रकाशकों के हितों को भी नुकसान पहुंचा है और विज्ञापनदाताओं को भी विज्ञापन के लिए अधिक खर्च करने पड़े हैं.
गूगल ने क्या कहा?
पूरे मामले पर गूगल ने कहा कि वो नियामक की तरफ से आए फैसले से सहमत नहीं है. गूगल वाइस प्रेसिडेंट डैन टेलर ने कहा कि विज्ञापन हमारे वेबसाइटों और ऐप्स के संचालन में मदद करते हैं. इससे हम ग्राहकों तक बेहतर ढंग से पहुंच पाते हैं. कमीशन की जांच हमारे विज्ञापन व्यवसाय के एक छोटे से क्षेत्र पर केंद्रित है.
फैसले का कई संगठनों ने किया स्वागत
मीडिया कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाली संगठन यूरोपियन पब्लिशर्स ने कार्रवाई की सराहना की है. समूह ने कहा कि उसने एक साल पहले एक शिकायत दर्ज की थी. काउंसिल के कार्यकारी निदेशक, एंजेला मिल्स वेड ने कहा है कि हम जांच में आयोग को सहयोग करने के लिए तैयार हैं.
ये भी पढ़ें– राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से मिले सीएम योगी, बोले- दिव्य, भव्य नगरी के रूप में विकसित होगी अयोध्या
यूरोपीय यूनियन की तरफ से बनाया गया है नया कानून
पिछले साल, यूरोपीय संघ ने सबसे बड़ी टेक कंपनियों की निगरानी को कड़ा करने के लिए नए एंटी ट्रस्ट और डिजिटल सेवा कानून पारित किया था. बुधवार को, यूरोपीय संसद, यूरोपीय संघ की एक विधायी शाखा, ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को विनियमित करने वाला एक मसौदा कानून भी पारित किया है.