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IPO लिस्टिंग को लेकर मार्केट रेग्युलेटर SEBI का बड़ा फैसला, अब 3 दिनों के भीतर पूरी होगी प्रक्रिया

IPO

IPO को लेकर मार्केट रेग्युलेटर SEBI ने बड़ा फैसला किया है. अब इश्यू के क्लोजिंग डेट के 3 दिनों के भीतर लिस्टिंग हो सकती है. पहले 6 दिनों का गैप होना जरूरी था.

मार्केट रेग्युलेटर SEBI के बोर्ड की आज अहम बैठक हुई. इस बैठक में कई बड़े अहम फैसले लिए गए. IPO लिस्टिंग के लिए समय सीमा को 6 दिन से घटाकर 3 दिन यानी T+3 कर दिया है. FPI यानी फॉरन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स के बारे में हर तरह की विस्तार से जानकारी देनी होगी. इसके अलावा म्यूचुअल फंड के लिए निवेश लागत को घटाने के लिए TER यानी टोटल एक्सपेंस रेशियो  के नियम में बदलाव का ऐलान किया गया है. MF में किसी तरह की गड़बड़ी पर टॉप मैनेजमेंट की जवाबदेही तय होगी. इसके अलावा फ्यूचर एंड ऑप्शन प्राइंस बैंड, AIF, VCF के नियमों में बदलाव  किया गया है. डेट सिक्योरिटीज के लिए QIB का दायरा बढ़ाने का फैसला किया गया है.

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कुल 7 प्रस्तावों को मिली मंजूरी

SEBI हुई बैठक में कुल सात प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी. सूचीबद्धता अवधि कम करने के अलावा, जिन अन्य प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी है, उनमें विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिये अतिरिक्त खुलासों की जरूरत तथा बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (InvITs) एवं रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (REIT) के यूनिटधारकों के लिये निदेशक मंडल में नामांकन अधिकार पेश करना शामिल हैं. 

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T+3 दिनों में लिस्टिंग

निदेशक मंडल ने सार्वजनिक निर्गमों में शेयरों की सूचीबद्धता की समयावधि को निर्गम बंद होने (टी) की तारीख से मौजूदा छह दिनों से घटाकर तीन दिन करने को मंजूरी दी है. नियामक ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘संशोधित टी+3 (निर्गम बंद होने के दिन से तीन दिन) दिनों की संशोधित समयसीमा दो चरणों में लागू की जाएगी. एक सितंबर, 2023 को या उसके बाद खुलने वाले सभी सार्वजनिक निर्गमों के लिये यह स्वैच्छिक होगा और एक दिसंबर, 2023 को या उसके बाद के निर्गमों के मामले में यह अनिवार्य होगा. 

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FPI डिस्क्लोजर सख्त

सेबी विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लिए खुलासा आवश्यकताओं को भी बढ़ाएगा. इसके तहत कुछ मानदंडों और शर्तों को पूरा करने वाले एफपीआई के स्वामित्व, आर्थिक हित और नियंत्रण के संबंध में अतिरिक्त खुलासे को अनिवार्य करना शामिल है.  विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसके अलावा नियामक स्कोर्स (सेबी शिकायत निपटान प्रणाली) के माध्यम से निवेशक शिकायत प्रबंधन तंत्र को मजबूत करेगा और नये मंच को ऑनलाइन विवाद समाधान व्यवस्था से जोड़ेगा. 

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