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दिल्ली/एनसीआर

दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर देश का पहला एलिवेटेड टैक्सी-वे तैयार, समय और ईंधन की होगी बचत, 13 जुलाई से होगा शुरू

टैक्सी-वे के कारण आईजीआई के एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल की दूरी 9 किमी से घटकर 2.2 किमी रह जाएगी. इससे हर जहाज का एक चक्कर में करीब 350 किलो ईंधन बचेगा. और सबसे खास बात इस तरीके से हर साल करीब 55 हजार टन कार्बन डाय ऑक्साइड का उत्सर्जन कम किया जा सकेगा.

नई दिल्ली: दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGIA) पर 13 जुलाई से अनोखा नजारा देखने को मिलेगा. राष्ट्रीय राजधानी में दोहरी एलिवेटेड ईस्टर्न क्रॉस टैक्सी-वे और चौथा रनवे 13 जुलाई से चालू हो जाएगा. फिलहाल इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर तीन रनवे हैं. ईस्टर्न क्रॉस टैक्सीवे से समय और ईंधन की बचत होगी. पहले रनवे नंबर-3 पर उतरने और टर्मिनल-1 पर जाने के लिए एक विमान को 9 किमी की दूरी तय करनी पड़ती थी, जो अब घटकर 2 किमी रह जाएगी.

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इससे फ्लाइट के उड़ान भरने और उतरने के दौरान यात्रियों को जो सड़क पर इंतजार करना होता था, वह भी घटकर कम हो जाएगा. एनडीटीवी की खबर के मुताबिक GMR समूह के उप प्रबंध निदेशक ने जानकारी दी है कि ईसीटी और चौथा रनवे 13 जुलाई से चालू कर दिया जाएगा. आपको बता दें कि IGIA का संचालन दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) करता है जो GMR एयरपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के नेतृत्व वाला संघ है.

कितना बड़ा होगा ईस्टर्न क्रास टैक्सीवे
ईसीटी 2.1 किमी लंबा और करीब 202 मीटर चौड़ा होगा. इस तरह के दो टैक्सीवे होंगे एक जहाज के उड़ान भरने के लिए और दूसरा विमानों के उतरने के लिए इस्तेमाल होगा. यह भारत मे अपने तरीके का पहला ईसीटी होगा. जो उत्तरी और दक्षिणी हवाई क्षेत्रों को जोड़ेगा और एक विमान के लिए टैक्सी की दूरी को 7 किलोमीटर तक कम कर देगा, यही नहीं यह एलिवेटेड टैक्सीवे A-380 और B-777 जैसे बड़े जहाजों को संभालने की क्षमता रखता है.

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ईसीटी से क्या लाभ होगा
ईसीटी के कई लाभ होंगे जिसमें सबसे अहम वक्त की बचत होगी, विमान को रनवे पर पहुंचने में कम वक्त लगेगा तो यात्रियों का भी समय बचेगा. एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल तक जाने वाली दूसरी 9 किमी से घटकर 2.2 किमी रह जाएगी. इससे हर जहाज का एक चक्कर में करीब 350 किलो ईंधन बचेगा. और सबसे खास बात इस तरीके से हर साल करीब 55 हजार टन कार्बन डाय ऑक्साइड का उत्सर्जन कम किया जा सकेगा.

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