RBI ने अपने ड्राफ्ट सर्कुलर में कहा कि लोगों को अपनी पसंद से कार्ड नेटवर्क चुनने का ऑप्शन मिलना चाहिए. इस विकल्प का इस्तेमाल ग्राहक कार्ड जारी करने के समय या उसके बाद किसी भी वक्त कर सकते हैं.
Credit-Debit Card Portability: किसी भी प्रोडक्ट या कंपनी की सेवाओं से असंतुष्ट होने पर हर ग्राहक के पास पोर्टेबिलिटी का विकल्प होता है. यह ऑप्शन कई सर्विसेज में मिल रहा है. सिम से लेकर आप इंश्योरेंस पॉलिसी तक पोर्ट करा सकते हैं और अब जल्द ही क्रेडिट और डेबिट कार्ड को भी पोर्ट करा सकेंगे.
RBI ने एक सर्कुलर जारी कर इसका प्रस्ताव दिया है, जो डेबिट, क्रेडिट और प्रीपेड कार्ड उपयोगकर्ताओं को अपने पसंदीदा कार्ड नेटवर्क का चयन करने का अधिकार देता है. इस प्रस्ताव पर RBI ने बैंकों व ग्राहकों से 4 अगस्त 2023 तक सुझाव मांगे हैं.
RBI के ड्राफ्ट में सर्कुलर क्या?
RBI के ड्राफ्ट सर्कुलर के अनुसार, कार्ड जारीकर्ताओं को कार्ड नेटवर्क के साथ किसी भी व्यवस्था या समझौते में प्रवेश करने से प्रतिबंधित किया जाएगा जो उन्हें अन्य कार्ड नेटवर्क की सेवाओं का लाभ उठाने से रोकता है. RBI ने कहा कि ‘फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और प्री-पेड कार्ड किसी खास कार्ड नेटवर्क के लिए जारी न करें. लोगों को अपनी पसंद से नेटवर्क चुनने का ऑप्शन मिलना चाहिए. दरअसल यह प्रस्ताव मौजूदा नियमों को चुनौती देता है जहां कार्ड नेटवर्क विकल्प जारीकर्ताओं और नेटवर्क के बीच समझौतों द्वारा पूर्व निर्धारित होते हैं.
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आरबीआई के ड्राफ्ट सर्कुलर के अनुसार, कार्ड जारी करने वाले बैंक अपने ग्राहकों को कई कार्ड नेटवर्क में से किसी एक को चुनने का विकल्प प्रदान करेंगे. इस विकल्प का इस्तेमाल ग्राहक कार्ड जारी करने के समय या उसके बाद किसी भी वक्त कर सकते हैं.
क्या है कार्ड नेटवर्क पोर्टेबिलिटी?
कार्ड नेटवर्क पोर्टेबिलिटी का मतलब उपभोक्ता अपने कार्ड को एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क में ट्रांसफर करने के अधिकार से है. जैसे हम एक ही फोन नंबर रखते हुए अपने टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर को बदल सकते हैं. ठीक उसी तरह, कार्ड नेटवर्क पोर्टेबिलिटी कार्डधारकों को एक अलग पेमेंट नेटवर्क पर स्विच करते समय अपने मौजूदा कार्ड बैलेंस और क्रेडिट हिस्ट्री को बनाए रखने की अनुमति देता है.
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मौजूदा समय में भारत में 5 कार्ड नेटवर्क कंपनियां वीजा, मास्टर कार्ड, रूपे, अमेरिकन एक्सप्रेस और डायनर क्लब हैं. इन कंपनियों का अलग-अलग फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन के साथ टाइअप है। इस कारण ग्राहक को अपने पंसद का कार्ड नेटवर्क चुनने का ऑप्शन नहीं मिलता है।
मौजूदा समय में भारत में 5 कार्ड नेटवर्क कंपनियां- वीजा, मास्टर कार्ड, रूपे, अमेरिकन एक्सप्रेस और डायनर क्लब हैं. इनका अलग-अलग बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के साथ समझौता है. इस कारण ग्राहक को अपने पंसद का कार्ड नेटवर्क चुनने का ऑप्शन नहीं मिलता है. लेकिन, कार्ड नेटवर्क पोर्टेबिलिटी के लागू होने के बाद कस्टमर्स को यह अधिकार मिलने लगेगा.