Higher Pension : अगर आप अपनी पेंशन बढ़ाना चाहते हैं तो हायर पेंशन स्कीम का लाभ उठा सकते हैं. इसके लिए अप्लाई करने की आखिरी तारीख 11 जुलाई है. इस स्कीम में अप्लाई करने पर EPFO में आपकी कंपनी के शेयर का 8.33 प्रतिशत पेंशन जाएगा, अब तक 15000 से ज्यादा सैलरी होने पर भी अधिकतम 1250 रुपये ही पेंशन में जा रहे थे.
नई दिल्ली. अगर आप हायर पेंशन स्कीम का फायदा उठाकर अपने EPS में कॉन्ट्रिब्यूशन बढ़ाना चाहते हैं तो इसके लिए 11 जुलाई आवेदन करने की अंतिम तिथि है. इससे पहले डेडलाइन 26 जून थी, जिसे 11 जुलाई तक बढ़ा दिया गया था. अगर आप 1 सितंबर, 2014 को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के सदस्य बन चुके थे तो आप इस स्कीम के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
असल में EPFO में कॉन्ट्रिब्यूशन का नियम तो क्लियर है कि कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12 प्रतिशत EPFO में जाएगा, इतना ही एम्प्लॉयर भी कॉन्ट्रिब्यूट करेंगे. अब जो एम्प्लॉयर का शेयर है उसमें से 8.33 प्रतिशत पेंशन शेयर के लिए है और 3.67 प्रतिशत प्रॉविडेंट फंड के लिए. पर बेसिक सैलरी कितनी भी क्यों न बढ़ जाए, पेंशन शेयर 1250 रुपये से ज्यादा नहीं जाता. पेंशन शेयर पर कैप लगाने का नियम लागू हुआ 1 सितंबर, 2014 को. कई कर्मचारियों ने इसका विरोध किया. मामला कोर्ट तक पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट ने कैप तो नहीं हटाया, पर जो कर्मचारी 1 सितंबर, 2014 तक EPFO से जुड़ चुके थे उन्हें ऑप्शन दिया कि वो अपने पूरे पेंशन शेयर यानी 8.33 प्रतिशत पेंशन शेयर के लिए क्लेम कर सकते हैं.
अभी कितना कटता है EPS?
अगर आपने कभी भी EPFO पर अपना पासबुक चेक किया होगा, तो देखा होगा कि उसमें एक कॉलम पेंशन शेयर का भी होता है. उस कॉलम में या तो 1250 रुपये चढ़े होते हैं या फिर उससे कम. नियम ये है कि एम्प्लॉयर की तरफ से EPFO में जो शेयर जाता है उसका 8.33 प्रतिशत पेंशन में और 3.67 प्रतिशत EPFO में जाता है. पर एक डिफॉल्ट नियम ये भी है कि पेंशन शेयर 1250 रुपये से ज्यादा नहीं दिया जाएगा.
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हालांकि, जो कर्मचारी 1 सितंबर, 2014 की तारीख में EPFO से जुड़ चुके थे, उनके पास ऑप्शन है कि वो अपने पेंशन शेयर में पूरा 8.33 प्रतिशत क्लेम कर सकते हैं. मतलब केवल 1250 रुपये की जगह जितना असल में उनका पेंशन शेयर बनता है, उतना पूरा अपने पेंशन शेयर में शामिल कर सकते हैं. इससे रिटायरमेंट पर पर जो पेंशन मिलती है, उसमें ज्यादा फायदा मिल सकता है.
उदाहरण से समझें तो अगर एक कर्मचारी की बेसिक सैलरी 1 लाख है तो उसका EPFO कॉन्ट्रिब्यूशन 12000 रुपये का होगा. इतना ही अमाउंट उसकी कंपनी EPFO में डालेगी. कायदे से पेंशन शेयर 8330 बनता है, पर नियम ये है कि केवल 1250 ही पेंशन में जाएंगे. बाकी का पूरा EPF में जाएगा. पर अगर आप हायर पेंशन का ऑप्शन चुनते हैं तो पूरे 8330 रुपये पेंशन स्कीम में डाल सकते हैं.
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कैसे अप्लाई करें?
अगर आप हायर पेंशन स्कीम के लिए एलिजिबल हैं और इसके लिए अप्लाई करना चाहते हैं तो आपको EPFO पोर्टल पर जाकर आवेदन करना होगा. ज़रूरी दस्तावेज देने होंगे. UAN में बस e-Sewa पोर्टल पर जाकर मेंबर इंटरफेस पर जाकर अप्लाई करना होगा.
एप्लिकेशन सबमिट होने के बाद कर्मचारी के एम्प्लॉयर से वेरिफिकेशन मांगा जाएगा. EPFO ऑफिसर एप्लिकेशन को वेरिफाई करेंगे, सब सही निकलने पर ड्यूज़ ट्रांसफर करने की प्रोसेस शुरू होगी. अगर फॉर्म्स में कुछ गड़बड़ी होती है तो उसे सुधारने के लिए कर्मचारी और उनके एम्प्लॉयर को एक महीने का समय दिया जाएगा.