Yeida Plot Scheme 2023 : पिछले सप्ताह हुई बोर्ड बैठक में हाउसिंग स्कीम लॉन्च करने का प्रस्ताव रखा गया था. जिसे मंजूरी मिल गई. इन प्लॉटों की आवंटन दर 24,600 रुपये प्रति वर्गमीटर रखी गई है.
नई दिल्ली. एनसीआर में घर खरीदने के लिए प्लॉट खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो आपके लिए अच्छी खबर है. यमुना अथॉरिटी अगले सप्ताह जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास रेजिडेंशियल प्लॉट स्कीम (Yeida Plot Scheme 2023) लॉन्च कर सकती है. यमुना अथॉरिटी ने उत्तर प्रदेश रेरा में यह योजना लाने के लिए आवेदन दिया है. इसे जल्द ही रेरा की मंजूरी मिलने की उम्मीद है. आवासीय प्लाटों के अलावा इंडस्ट्रियल भूखंडों का आवंटन भी किया जाएगा.
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यमुना अथॉरिटी इस हाउसिंग स्कीम में चार कैटिगरी के प्लॉट होंगे. कैटेगरी क्षेत्रफल के आधार पर निर्धारित की गई हैं. प्लॉट्स का क्षेत्रफल 120 वर्गमीटर, 162 वर्गमीटर, 200 वर्गमीटर और 300 वर्गमीटर रखा गया है. ये आवासीय प्लॉट यमुना सिटी के सेक्टर-16, सेक्टर-17, सेक्टर-18, सेक्टर-20 और सेक्टर-24 में होंगे.
यह होगी कीमत
जानकारी के अनुसार, पिछले सप्ताह हुई बोर्ड बैठक में हाउसिंग स्कीम लॉन्च करने का प्रस्ताव रखा गया था. जिसे मंजूरी मिल गई. इन प्लॉटों की आवंटन दर 24,600 रुपये प्रति वर्गमीटर रखी गई है. आवेदकों को इस बार एकमुश्त भुगतान करना होगा. इस बार 50 फीसदी भुगतान और किस्तों प भुगतान का विकल्प आवेदकों को नहीं मिलेगा.
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इस स्कीम के तहत 1351 प्लॉटों का आवंटन किया जाएगा. यह रेजिडेंशियल प्लॉट स्कीम उन किसानों के लिए खूब फायदेमंद साबित होगी जिनकी जमीन का अधिग्रहण यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवपलमेंट अथॉरिटी की परियोजनाओं के लिए किया गया है. इस स्कीम के कुल 1351 प्लॉट्स में से 17.5 फीसदी किसानों के लिए ही आरक्षित होंगे.
उद्वमियों को भी मिल सकते हैं भूखंड
यमुना अथॉरिटी रेजिडेंशियल प्लॉट्स के साथ ही इंडस्ट्रियल प्लॉट्स का आवंटन भी कर सकती है. प्रदेश सरकार द्वारा फरवरी में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रदेश सरकार को 33 लाख रुपये से अधिक के निवेश अनुबंध हुए थे. यमुना अथॉरिटी ने भी करीब सवा लाख करोड़ के निवेश अनुबंध किए थे. इनको पूरा करने के लिए जमीन की आवश्यकता उद्यमियों को होगी. इसीलिए प्राधिकरण औद्योगिक भूखंड योजना भी लॉन्च कर सकता है.
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छोटे साइज के भूखंडों का आवंटन इस बार ई-नीलामी के बजाय ड्रा से होगा. नीलामी में बोली अधिक लगने की वजह से वह छोटे उद्यमी भूखंड पाने से वंचित रह जाते थे. इसकी वजह से वह ई-नीलामी प्रक्रिया खत्म किए जाने की मांग कर रहे थे. अब सरकार ने उनकी यह मांग स्वीकार कर ली है.