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ITR Filing Date Extension: क्या सरकार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को मदद करने के लिए ITR फाइल करने की समय सीमा बढ़ाने पर कर रही है विचार?

ITR Filing Date Extension: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है. जो लोग तय समय सीमा तक इनकम टैक्स रिटर्न नहीं फाइल कर पाएंगे, उनको कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

ITR Filing Date Extension: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने का सीजन अब समाप्त होने जा रहा है और सभी टैक्सपेयर FY 2023 के लिए अपने आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करने के लिए दौड़ रहे हैं, ताकि अंतिम तिथि चूकने पर उन्हें जुर्माना न भरना पड़े. आकलन वर्ष 2023-2024 के लिए ITR फाइल करने की समय सीमा 31 जुलाई, 2023 है. राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ​​ने कहा है कि अंतिम तारीख के आगे बढ़ाए जाने की संभावना नहीं है, टैक्सपेयर्स के पास अगले चार दिनों में कार्य पूरा करने के अलावा कोई दूसरा ऑप्शन नहीं है.

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अब तक, चार करोड़ से अधिक इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल किए जा चुके हैं, और इनमें से 50 फीसदी रिटर्न पहले ही सरकार द्वारा प्रोसीड किए जा चुके हैं. इसके अलावा, 80 लाख से अधिक टैक्सपेयर्स को रिफंड जारी किए गए हैं.

मानसून की मार से ITR फाइल करने पर असर

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वाले ज्यादातर चार्टर्ड अकाउंटेंट्स का मानना है कि कई राज्यों में बारिश और बाढ़ के कहर के बीच टैक्सपेयर्स को ITR फाइल करने में दिक्कतें हो रही हैं और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और वित्त मंत्रालय इन राज्यों में समय सीमा बढ़ाने पर विचार कर सकते हैं.

सोशल मीडिया पर ट्रेंड किया ‘IncomeTaxReturn’

दो दिन पहले सोशल मीडिया पर इनकम टैक्स रिटर्न ट्रेंड कर रहा था. जिसमें खास बात यह है कि पिछले वर्ष के विपरीत, इस वर्ष इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख बढ़ाने को लेकर कोई मांग नहीं की जा रही है.

‘FY’23 में 7.4 करोड़ ITR फाइल किए गए’

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आयकर रिटर्न फाइल करने वाले व्यक्तियों समेत संस्थाओं की संख्या 2022-23 में 6.18 फीसदी बढ़कर 7.40 करोड़ से अधिक हो गई, जिनमें से लगभग 5.16 करोड़ ने जीरो टैक्स देनदारी घोषित की. वित्त मंत्री ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में वित्त वर्ष 2022-23 में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वाले व्यक्तियों की संख्या में 6.18 फीसदी की वृद्धि हुई है.

देर से फाइल करने पर पेनाल्टी

इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है. अगर इस तय समय सीमा तक ITR फाइल नहीं किया तो सबसे पहले देर से फाइल करने पर पेनाल्टी लगाई जा सकती है. कुछ मामलों में, पेनाल्टी एक निश्चित रकम हो सकती है, जबकि किसी दूसरे मामले में यह बैलेंस टैक्स लायबिलिटी का एक निश्चित प्रतिशत हो सकता है.

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बकाया टैक्स पर ब्याज

देर से फाइल करने पर जुर्माने (Penalty) के अलावा, टैक्सपेयर को किसी भी बकाया टैक्स पर ब्याज का पेमेंट करने के लिए कहा जा सकता है. ब्याज की कैलकुलेशन आम तौर पर टैक्स रिटर्न की मूल देय तारीख से लेकर रिटर्न फाइल करने की तारीख तक की जाती है. नतीजा यह होगा कि जितनी अधिक देरी होगी, ब्याज की राशि उतनी अधिक हो सकती है.

रिफंड का नुकसान

तय समय के भीतर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करने पर टैक्सपेयर को देय किसी भी संभावित टैक्स रिफंड का नुकसान हो सकता है. यदि टैक्सपेयर रिफंड के लिए पात्र है, लेकिन समय सीमा चूक जाता है, तो वे उस मूल्यांकन वर्ष (AY) के लिए रिफंड का क्लेम नहीं कर सकता है.

कानूनी कार्रवाई

कुछ मामलों में, बार-बार ITR नहीं फाइल करने या जानबूझकर टैक्स कानूनों का अनुपालन न करने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. टैक्स अधिकारी लगातार नॉन-टैक्स फाइल करने वालों पर गंभीरता से विचार कर सकते हैं और कानूनी कार्रवाई शुरू कर सकते हैं, जिसमें पेनाल्टी, प्रासीक्यूशन या एक्स्ट्रीम मामलों में जेल भी जाना पड़ सकता है.

लॉस को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता

जिन टैक्सपेयर्स को किसी वित्तीय वर्ष में लॉस हुआ है, वे भविष्य के प्रॉफिट से भरपाई करने के लिए उस लॉस को आगे ले जाना चाहते हैं. हालांकि, देर से ITR फाइल करने से कभी-कभी इसका नुकसान हो सकता है, और टैक्सपेयर को भविष्य की इनकम के विपरीत उस लॉस को एडजस्ट करने का अवसर छोड़ना पड़ सकता है.

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रिलायबिलिटी पर सवाल

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की समय सीमा का लगातार अनुपालन न करने से टैक्सपेयर की फाइनेंशियल रिलायबिलिटी पर विपरीत असर पड़ सकता है. जिससे बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस से लोन या दूसरी तरह की फाइनेंशियल मदद लेने की उनकी कैपेसिटी पर असर हो सकता है.

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