नई दिल्ली: देश की सबसे वैल्यूएबल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के शेयरों की विदेशी निवेशकों ने लगातार छह तिमाहियों तक बिकवाली की। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। पिछले तिमाही में विदेशी निवेशकों ने अपनी स्ट्रैटजी बदली है। जून तिमाही में उन्होंने रिलायंस में अपनी होल्डिंग बढ़ाई है। छह तिमाहियों ने पहली बार ऐसा हुआ है। जून तिमाही में कंपनी में उनका स्टेक बढ़कर 22.55 परसेंट हो गया है जो पिछली तिमाही में 22.49 फीसदी रह गया था। यह 26 हफ्ते का न्यूनतम स्तर था। जून तिमाही में रिलायंस के शेयरों में नौ फीसदी से अधिक तेजी आई और इसने मार्च तिमाही में हुए नुकसान की भरपाई कर ली।
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अगर साल की पहली तिमाही में रिलायंस के शेयरों का प्रदर्शन देखें तो इसने निवेशकों को फ्लैट रिटर्न दिया है। लेकिन जुलाई में इसमें नौ फीसदी तेजी आई और 20 जुलाई को यह अपने ऑल टाइम हाई लेवल 2,630.95 रुपये पर पहुंच गया। इसकी वजह यह रही कि रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) ने जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (Jio Financial Services) का ट्रंप कार्ड खेला। जुलाई में रिलायंस ने अपने फाइनेंशियल सर्विसेज बिजनस का डीमर्जर की घोषणा की। इसके लिए 20 जुलाई रेकॉर्ड डेट रखी गई थी। डीमर्जर प्लान के तहत रिलायंस के शेयरहोल्डर्स को प्रत्येक शेयर जियो फाइनेंशियल सर्विसेज का एक शेयर दिया गया।
अंबानी का ट्रंप कार्ड
जियो फाइनेंशियल के स्टॉक की कीमत अनुमानों से बेहतर रही। इसने रिलायंस के शेयर के लिए बूस्टर का काम किया। अब शेयर बाजार को जियो फाइनेंशियल के स्टॉक की लिस्टिंग का इंतजार है। माना जा रहा है कि रिलायंस की एजीएम में मुकेश अंबानी इसकी घोषणा की जा सकती है। कंपनी ने अभी एजीएम की तारीख घोषित नहीं की है लेकिन यह अगस्त में होती है। विदेशी निवेशकों ने जहां रिलायंस में वापसी की है वहीं म्यूचुअल फंड्स लगातार कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं। जून तिमाही में उनकी हिस्सेदारी 6.45 परसेंट के रेकॉर्ड हाई पर पहुंच गई। म्यूचुअल फंड्स ने लगातार सातवीं तिमाही में कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। सितंबर, 2021 में उनकी हिस्सेदारी 4.61 फीसदी थी।
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रिलायंस ने दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी ब्लैकरॉक के साथ हाथ मिलाने की घोषणा की है। इससे भी निवेशकों की रिलायंस में दिलचस्पी बढ़ी है। पिछले हफ्ते यह खबर भी आई थी कि कतर इनवेस्टमेंट अथॉरिटी रिलायंस रिटेल में एक परसेंट हिस्सेदारी ले सकती है। अगर ऐसा होता है तो रिलायंस रिटेल में तीन साल में यह पहली स्टेक सेल डील होगी। जानकारों का कहना है कि नियर टर्म में एजीएम रिलायंस के शेयरों के लिए मेक या ब्रेक मोमेंट हो सकती है। सोमवार को दोपहर 12 बजे कंपनी का शेयर बीएसई पर 0.34% की तेजी के साथ 2536.30 रुपये पर ट्रेड कर रहा था।