सहारा इंडिया (Sahara India) की 4 सहकारी समितियों में फंसे करोड़ों निवेशकों के लिए रिफंड प्रोसेस शुरू हो चुका है. केंद्र सरकार द्वारा बीते दिनों लॉन्च किए गए Sahara Refund Portal (CRCS) के जरिए रिफंड के लिए घर बैठे अप्लाई किया जा सकता है. इसके तहत 5,000 करोड़ रुपये लौटाए जाएंगे. अब सवाल ये कि क्या इतनी रकम में से सभी सहारा निवेशकों (Sahara Investors) को पैसा मिल सकेगा? आइए समझते हैं कैसे काम करेगा ये प्लान और क्या है पूरा माजरा?
5000 करोड़ रुपये की होगी वापसी
सबसे पहले बता दें कि Sahara India की चार सहकारी समितियों में निवेश करने वाले निवेशकों को CRCS पोर्टल के माध्यम से 5,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने का आदेश सरकार की ओर से दिया गया है. इन चार समितियों में सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड शामिल हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें निवेशकों का करीब 1.12 लाख करोड़ रुपये फंसा है. वहीं सरकार के प्लान के मुताबिक, जो रिफंड प्रक्रिया शुरू की गई है, उसके तहत हर निवेशक को 10,000 रुपये तक ही वापस मिलेंगे.
सहारा इंडिया के करोड़ों निवेशक
सरकार की इस पहल से हालांकि, सालों से अपनी गाढ़ी कमाई के वापस मिलने का इंतजार कर रहे निवेशकों को राहत जरूर मिली है, लेकिन सवाल ये कि इसमें जो लिमिट तय की गई है, उसके मुताबिक भी क्या सभी इन्वेस्टर्स को 10,000 रुपये मिल सकते हैं? एक रिपोर्ट की मानें तो सहारा ग्रुप ने सिर्फ 26 राज्यों में 2.76 करोड़ छोटे निवेशकों से 80,000 करोड़ जुटाए थे, अगर इस हिसाब से देखों तो इन जैसे सभी निवेशकों को दस हजार की रकम लौटाने के लिए लगभग 27 करोड़ रुपये चाहिए. वहीं अगर सहारा इंडिया ग्रुप की कंपनियों में कुल निवेशकों का आंकड़ा देखें तो ये करीब 13 करोड़ होता है. इस बारे में बीते साल अगस्त 2022 में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद को बताया था. इन निवेशकों के 1.12 लाख करोड़ रुपये से अधिक फंसे हुए हैं.
ये भी पढ़ें– Rupee-Dollar: फिर डॉलर के मुकाबले रुपया हुआ कमजोर, दो महीने में रुपये में आई सबसे बड़ी गिरावट
इन निवेशकों को मिल पाएगा पैसा
Sahara Refund Portal के जरिए पैसों की वापसी बेहद आसान होगी और 45 दिनों में निवेशकों का फंसा हुआ पैसा उनके बैंक खाते में आ जाएगा. इसके तहत ऐसे निवेशकों को पैसा वापस मिल सकेगा, जिनके इन्वेस्टमेंट की मैच्योरिटी पूरी हो चुकी है. सरकार ने रिफंड होने वाले पैसों पर 10,000 रुपये का कैप लगाया है. यानी पहले चरण में उन निवेशकों की जमा राशि वापस लौटाई जाएगी, जिनका निवेश 10,000 रुपये है. जिनका 10 हजार रुपये तक का निवेश है वो और जिनका 10 हजार से अधिक निवेश है, उसमें भी से इतनी ही तय राशि का भुगतान किया जाएगा. इस पोर्टल पर लॉगिन करके इन्वेस्टर अपना नाम रजिस्टर्ड कर सकते हैं और वेरिफिकेशन के बाद पैसे वापसी की प्रक्रिया शुरू होगी. अप्लाई किए जाने के बाद इसके बाद सहारा इंडिया निवेशकों के दस्तावेज Sahara Group की समितियों द्वारा 30 दिन में वेरिफाई किए जाएंगे और ऑनलाइन क्लेम दर्ज करने के 15 दिन के भीतर SMS के जरिए उन निवेशकों को सूचित कर दिया जाएगा.
30 जुलाई तक इतने एप्लीकेशन वेरिफाइड
सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च होने के बाद 30 जुलाई 2023 तक 4.21 लाख निवेशकों की रिफंड एप्लीकेशन को वेरिफाई किया गया है. यहां बता दें कि पोर्टल पर आवदेन करने के लिए निवेशक के पास मेंबरशिप नंबर, जमा अकाउंट नंबर, आधार से लिंक मोबाइल नंबर, डिपॉजिट सर्टिफिकेट जैसे दस्तावेज जरूरी हैं. सहारा में फंसे पैसे के लिए क्लेम करने के लिए निवेशक का आधार चालू मोबाइल नंबर से जुड़ा होना जरूरी है. साथ ही बैंक खाते से भी आधार का जुड़ाव अनिवार्य है. इसके बिना कोई भी निवेशक क्लेम दाखिल नहीं कर पाएगा. इन सभी डॉक्यूमेंट्स के साथ आप सहारा पोर्टल के जरिए अप्लाई कर सकते हैं. जैसे ही आपका आवेदन सबमिट होगा, आपको एक एनरोलमेंट नंबर मिल जाएगा. साथ ही आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर SMS भी आ जाएगा.
ये भी पढ़ें– टोल पर अब नहीं लगानी पड़ेगी लाइन, 30 सेकंड से भी कम लगेगा समय, सरकार ने की तैयारी
उत्तर भारत के लोगों का फंसा है अधिक पैसा
सहारा इंडिया में सबसे ज्यादा बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से निवेशक हैं. कुछ लोगों ने अपनी सारी गाढ़ी कमाई सहारा इंडिया में जमा कर दी थी. अब वो दर-दर भटक रहे हैं. निवेश की अवधि पूरी जाने के बाद भी पैसे वापस नहीं मिलने से कई राज्यों में लगातार सहारा इंडिया के खिलाफ निवेशकों का गुस्सा फूट रहा है. हालांकि, Sahara Refund Portal लॉन्च करने के दौरान केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) शाह ने कहा था कि 5,000 करोड़ रुपये जमाकर्ताओं को दिए जाने के बाद हम उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाएंगे और उनसे अधिक धनराशि जारी करने का अनुरोध करेंगे, ताकि अन्य जमाकर्ताओं का पूरा धन वापस किया जा सके.