डाकघर सेविंग स्कीम्स वास्तव में उन लोगों के लिए एक अच्छा ऑप्शन हो सकती हैं जो सुरक्षा, स्थिर रिटर्न और टैक्स बेनिफिट्स का आनंद लेते हुए पैसा कमाना चाहते हैं.
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Post Office Savings Schemes as Investment Options: डाकघर सेविंग स्कीम्स (Post Office Saving Schemes) को लंबे समय से लोगों के लिए अपना पैसा बचाने और इन्वेस्ट करने का एक भरोसेमंद और सेक्योर्ड जरिया माना जाता है. ये स्कीम्स रिटर्न और कुछ टैक्स बेनिफिट्स समेत अलग-अलग तरह के बेनिफिट्स पहुंचाती हैं.
आइए, यहां पर जानते हैं कि पैसे कमाने के ऑप्शन के तौर पर डाकघर स्कीम्स (Post Office Schemes) के फायदे और नुकसान क्या हैं? क्या इन सेविंग स्कीम्स में इन्वेस्ट करने पर इनकम टैक्स छूट भी मिलती है.
डाकघर सेविंग स्कीम्स के बेनिफिट्स क्या हैं?
सेफ्टी और सेक्योरिटी
डाकघर सेविंग स्कीम्स (Post Office Saving Schemes) सरकार द्वारा समर्थित हैं, जिससे इन स्कीम्स को अत्यधिक सुरक्षा मिलती है और ये रिस्क फ्री होती हैं. जिससे रिस्क से बचने वाले इन्वेस्टर्स के लिए विशेष रूप से आकर्षक है.
स्कीम्स के प्रकार
डाकघर (Post Office) अलग-अलग इन्वेस्टमेंट को पूरा करने के लिए सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF), राष्ट्रीय सेविंग प्रमाणपत्र (NSC), मासिक आय योजना (MIS), और वरिष्ठ नागरिक सेविंग योजना (MSCS) जैसी कई सेविंग स्कीम्स हैं, जो एक निश्चित समयावधि में टार्गेट अचीव करने में सक्षम बनाती हैं.
स्थिर रिटर्न
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ये स्कीम्स अक्सर लगातार और अनुमानित रिटर्न प्रदान करती हैं, जो समय के साथ स्थिर आय चाहने वालों के लिए आकर्षक हो सकती हैं.
दूरदराज के इलाकों तक पहुंच
दूरदराज के इलाकों में भी डाकघर (Post Office) बड़े पैमाने पर सुलभ हैं, जिससे लोगों के लिए इन स्कीम्स में इन्वेस्टमेंट करना सुविधाजनक हो जाता है.
डाकघर स्कीम्स में इन्वेस्टमेंट के एडिशनल बेनिफिट्स क्या-क्या हैं?
लॉन्गटर्म फोकस
पीपीएफ जैसी स्कीम्स लंबी लॉक-इन अवधि के साथ सेविंग के लिए डिस्पिलिन्ड आउटलुक को प्रमोट करती हैं. इससे लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल स्कीम बनाने की आदत विकसित हो सकती है.
आकर्षक ब्याज दरें
डाकघर सेविंग स्कीम्स (Post Office Saving Schemes) अक्सर प्रतिस्पर्धी ब्याज दरें ऑफर करती हैं जो कभी-कभी पारंपरिक बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली ब्याज दरों से अधिक होती हैं.
टैक्स बेनिफिट्स
इनमें से कई स्कीम्स टैक्स बेनिफिट्स प्रदान करती हैं. उदाहरण के लिए, पीपीएफ में इन्वेस्टमेंट इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80सी के तहत कटौती के लिए पात्र है.
रिटायरमेंट स्कीम
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सीनियर सिटिजन्स सेविंग स्कीम जैसी स्कीम्स रिटायर्ड लोगों के लिए उनके गोल्डेन समय के दौरान रेगुलर इनकम का स्रोत सुरक्षित करने के लिए एक बेहतरीन टूल के रूप में काम कर सकती हैं.
इनकम टैक्स छूट
कई डाकघर सेविंग स्कीम्स (Post Office Saving Schemes) इनकम टैक्स छूट या बेनिफिट प्रदान करती हैं. कुछ प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:
स्रोत पर टैक्स कटौती (TDS)
कुछ स्कीम्स पर अर्जित ब्याज टीडीएस के अधीन है, पीपीएफ और एससीएसएस जैसी कुछ स्कीम्स को टीडीएस से छूट दी गई है.
धारा 80सी के तहत कर कटौती
पीपीएफ और एनएससी जैसी स्कीम्स में इन्वेस्टमेंट एक तय सीमा तक धारा 80सी के तहत कटौती के लिए पात्र हैं.
टैक्स-फ्री रिटर्न
पीपीएफ और कुछ अन्य स्कीम्स पर अर्जित ब्याज आम तौर पर टैक्स-फ्री होता है.
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गौरतलब है कि डाकघर सेविंग स्कीम्स (Post Office Saving Schemes) वास्तव में उन लोगों के लिए एक अच्छा ऑप्शन हो सकती हैं जो सुरक्षा, स्थिर रिटर्न और टैक्स बेनिफिट्स का आनंद लेते हुए पैसा कमाना चाहते हैं. हालांकि, किसी भी इन्वेस्टमेंट की तरह, निर्णय लेने से पहले अपने फाइनेंशियल टार्गेट्स, रिस्क अपेटाइट और हर स्कीम की खास शर्तों का सावधानीपूर्वक आकलन करना जरूरी होता है.