UPI Lite Payment Limit-यूपीआई लाइट से बिना इंटरनेट भी भुगतान किया जा सकता है. अब सरकार ने ऑनलाइन लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए इसकी भुगतान सीमा को भी बढ़ा दिया है. लिमिट बढ़ाने का ऐलान आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने एमपीसी मीटिंग के बाद किया.
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UPI Lite Payment Limit Increased : भुगतान के लिए यूपीआई लाइट (UPI Lite) का इस्तेमाल करने वाले लोगों के लिए एक अच्छी खबर है. भारतीय रिजर्व बैंक ने बिना इंटरनेट के यूपीआई लाइट से भुगतान की सीमा को 200 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया है. भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति (RBI monetry Policy) का ऐलान करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने यह घोषणा की.
यूपीआई लाइट एक ऑन डिवाइस वॉलेट सुविधा है, जिसमें यूजर्स रियल टाइम में छोटे अमाउंट का पेमेंट बिना यूपीआई पिन के कर सकते हैं. आमतौर पर यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिये पेमेंट करने के लिए इंटरनेट की जरूरत पड़ती है. यूपीआई लाइट में अधिकतम 2,000 रुपये तक का बैलेंस रख जा सकता है. आरबीआई के यूपीआई लिमिट में बढ़ोतरी के एलान से देश में डिजिटल पेमेंट की पहुंच और ज्यादा बढ़ेगी.
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इसलिए बढ़ाई ट्रांजेक्शन लिमिट
यूपीआई लाइट की भुगतान सीमा को 200 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये करने का मकसद लोगों को आम दिनों में छोटे ट्रांजेक्शन के लिए भी यूपीआई का इस्तेमाल करने में सक्षम बनाना है. यूपीआई लाइट के लॉन्चिंग के बाद से ही इसकी लेनदेन की सीमा को बढ़ाने की मांग हो रही थी. आज भारतीय रिजर्व बैंक ने इसकी लिमिट को 500 रुपये करके यह मांग पूरी कर दी है.
UPI में होगा AI का इस्तेमाल
एमपीसी मीटिंग के बाद आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा कि डिजिटल पेमेंट अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए आर्टिफिशियल (AI) जैसी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम को जोड़ने में तो मदद करेगा ही साथ ही यह उपयोगकर्ता के अनुभव को भी बेहतर बनाएगा.
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रेपो रेट में नहीं किया बदलाव
रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद गुरुवार को बताया कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है. यह लगातार दूसरी बार है जब रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को स्थिर बनाए रखा है. रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया और इसे 6.5 फीसदी पर बनाए रखा गया है. इसका मतलब है कि आम आदमी का होम लोन, ऑटो लोन या अन्य किसी भी तरह का खुदरा कर्ज महंगा नहीं होगा और उन पर ईएमआई का बोझ भी नहीं आएगा.