अमेरिका में भारतीय शोधकर्ताओं ने पाया कि जो महिलाएं नियमित रूप से शुगरी ड्रिंक का सेवन करती हैं, उनमें लिवर कैंसर होने और क्रोनिक लिवर रोग से मरने का खतरा अधिक होता है.
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अमेरिका में भारतीय शोधकर्ताओं ने पाया कि जो महिलाएं नियमित रूप से शुगरी ड्रिंक का सेवन करती हैं, उनमें लिवर कैंसर होने और क्रोनिक लिवर रोग से मरने का खतरा अधिक होता है. अमेरिका में ब्रिघम और महिला अस्पताल के शोधकर्ताओं द्वारा रिसर्च में महिला स्वास्थ्य पहल (WHI) अध्ययन में शामिल 98,786 पोस्टमेनोपॉजल महिलाओं को शामिल किया गया था. डब्ल्यूएचआई अध्ययन का मुख्य उद्देश्य पोस्टमेनोपॉजल महिलाओं में दिल की बीमारी, स्तन व कोलोरेक्टल कैंसर और ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम है.
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अध्ययन में, जिन महिलाओं ने रोजाना एक या एक से अधिक शुगरी ड्रिंक का सेवन किया, उनमें से 6.8 प्रतिशत महिलाएं में लिवर कैंसर होने का खतरा 85 प्रतिशत और क्रोनिक लिवर रोग से मौत का खतरा 68 प्रतिशत बढ़ गया. इस अध्ययन के अनुसार, यह डेटा उन व्यक्तियों की तुलना में किया गया था जिन्होंने महीने में तीन से कम शुगर ड्रिंक पीए थे.
क्या कहते हैं शोधकर्ता
अध्ययन के लेखक लॉन्गगैंग झाओ ने बताया कि हमारी जानकारी के अनुसार, शुगर ड्रिंक्स के सेवन और क्रोनिक लिवर रोग मृत्यु दर के बीच संबंध की रिपोर्ट करने वाला यह पहला अध्ययन है. झाओ ने कहा कि अगर हमारे निष्कर्षों की पुष्टि हो जाती है, तो बड़े और भौगोलिक रूप से विविध समूह के डेटा के आधार पर लिवर रोग के जोखिम को कम करने के लिए एक सार्वजनिक स्वास्थ्य रणनीति की राह खोल सकते हैं.
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लिवर कैंसर के लक्षण
- पेट में दर्द या असहज सूजन: जिगर के कैंसर के मामूल लक्षण में पेट में दर्द और असामान्य सूजन शामिल हो सकते हैं.
- भूख की कमी: व्यक्ति की भूख कम हो सकती है, जिसके कारण वजन कम हो सकता है.
- थकान और कमजोरी: लिवर कैंसर के मरीज में थकान और कमजोरी की समस्या हो सकती है.
- उलटी और पेट में बदलाव: लिवर कैंसर के मरीज में उलटी, पेट में बदलाव, असहजता या अपच की समस्या हो सकती है.
- खून की गंदगी: लिवर कैंसर में खून की गंदगी बढ़ सकती है, जिससे त्वचा और आँखों का पीलापन हो सकता है.
- पेशाब और स्टूल में बदलाव: अगर मरीज के आंखों की पीलापन के साथ-साथ पेशाब और स्टूल का भी रंग बदल जाता है, तो यह लिवर कैंसर की संभावना हो सकती है.