General Insurance Companies: सरकार पब्लिक सेक्टर की चार जनरल बीमा कंपनियों में चालू वित्त वर्ष (2023-24) में और पूंजी नहीं डालेगी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसके बारे में जानकारी दी है.
ये भी पढ़ें:- 1,200 डॉलर प्रति टन से कम दाम के बासमती चावल के निर्यात की अनुमति नहीं
अधिकारी के मुताबिक, एक सरकारी गैर-जीवन बीमा कंपनी द्वारा चालू वित्त वर्ष में सरकार को लाभांश देने की संभावना है और ये कंपनियां अपने ‘सॉल्वेंसी मार्जिन’ के लक्ष्य को पा सकेंगी.
सरकार ने पिछले साल तीन बीमा कंपनियों- नेशनल इंश्योरेंस कंपनी, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी में 5,000 करोड़ रुपये की पूंजी डाली थी.
चालू वित्त वर्ष के बजट में बीमा कंपनियों में पूंजी निवेश उपलब्ध नहीं कराया गया है.
अधिकारी ने कहा कि हमें नहीं लगता कि फिलहाल पूंजी निवेश की जरूरत है. बल्कि, एक जनरल बीमा कंपनी इस साल लाभांश दे सकती है.
भारत में फिलहाल चार जनरल बीमा कंपनियां- न्यू इंडिया एश्योरेंस, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस, ओरिएंटल इंश्योरेंस और नेशनल इंश्योरेंस कंपनी हैं. इनमें केवल न्यू इंडिया एश्योरेंस ही अन्य से बेहतर स्थिति में है.
ये भी पढ़ें:-पर्सनल लोन लेते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, जानें- यहां
भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDA) ने बीमा कंपनियों को संभावित दावा राशि के अलावा अतिरिक्त पूंजी बनाए रखने का आदेश दिया है. यह विषम परिस्थितियों में वित्तीय सहायता के रूप में कार्य करता है, जिससे कंपनी को सभी दावों का निपटान करने में मदद मिलती है.
रेटिंग एजेंसी इक्रा (ICRA) के अनुसार, ज्यादातर पब्लिक सेक्टर की बीमा कंपनियों का ऊंचा सामूहिक अनुपात रहने की संभावना है जिससे उन्हें शुद्ध रूप से घाटा होगा. हालांकि, यह पिछले कुछ साल की तुलना में कम रहेगा.
क्या होती है सॉल्वेंसी मार्जिन?
सॉल्वेंसी मार्जिन वह अतिरिक्त पूंजी है जिसे कंपनियों को संभावित दावा राशि के अलावा अपने पास रखना चाहिए. यह विषम परिस्थितियों में वित्तीय बैकअप के रूप में कार्य करता है, जिससे कंपनी को सभी दावों का निपटान करने में मदद मिलती है. सॉल्वेंसी रेशियो की कैलकुलेशन आवश्यक सॉल्वेंसी मार्जिन (RSM) की मात्रा के संबंध में उपलब्ध सॉल्वेंसी मार्जिन (ASM) की मात्रा के रूप में की जाती है.
ये भी पढ़ें:-Gold से ज्यादा महंगी हो रही चांदी, एक हफ्ते में चांदी 3200 से ज्यादा चढ़ी, आगे भी बनी रहेगी रफ्तार!
एएसएम देनदारियों पर कंपनी की संपत्ति का मूल्य है, और आरएसएम शुद्ध प्रीमियम पर आधारित है और IRDAI दिशानिर्देशों के अनुसार परिभाषित किया गया है. सॉल्वेंसी रेशियो जितना अधिक होगा, आपके दावों का भुगतान होने की संभावना उतनी ही अधिक होगी.