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G-20 Declaration: जी-20 में भारत की बड़ी कामयााबी, घोषणापत्र मंजूर, यूक्रेन का भी आया जिक्र पर रूस का सीधा नाम नहीं

नई दिल्ली: जी-20 समिट में सभी सदस्य देशों के बीच ‘संयुक्त बयान’ को लेकर सहमति बन गई है। ग्रुप के सभी सदस्य देश ‘न्यू दिल्ली लीडर्स समिट डेक्लरेशन’ यानी ‘दिल्ली घोषणापत्र’ पर सहमत हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘भारत मंडपम’ में जी-20 समिट के दूसरे सत्र को संबोधित करते हुए ये ऐलान किया कि संयुक्त घोषणा पत्र पर सबकी सहमति बन गई है। 37 पेजों के घोषणा पत्र में आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की गई है। समिट शुरू होने से पहले ही सबकी इस पर निगाह थी कि सभी सदस्य देश संयुक्त घोषणा पत्र पर राजी होंगे या नहीं।

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नई दिल्ली घोषणापत्र में 4 बार यूक्रेन का जिक्र हुआ है जबकि 9 बार आतंकवाद शब्द का जिक्र है। नई दिल्ली जी-20 समिट के लिए ये निश्चित तौर पर बहुत बड़ी कामयाबी है। रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर संयुक्त बयान पर सहमति भारत की कूटनीतिक दक्षता को भी दिखाती है। एक तरफ अमेरिका और यूरोप यूक्रेन युद्ध को लेकर संयुक्त घोषणापत्र में रूस के खिलाफ कड़ी भाषा के इस्तेमाल पर अड़े थे। दूसरी तरफ रूस और चीन रूस-यूक्रेन जंग के जिक्र का विरोध कर रहे थे।

‘नई दिल्ली घोषणापत्र’ में रूस-यूक्रेन युद्ध का जिक्र है लेकिन रूस का नाम नहीं लिया गया है, उसे यूक्रेन में युद्ध कहा गया है। घोषणापत्र में कहा गया है, ‘यूक्रेन में युद्ध को लेकर हमने बाली में भी चर्चा की थी, हम अपने देश के रुख पर कायम हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और संयुक्त राष्ट्र महासभा (A/RES/ES-11/1 and A/RES/ES-11/6) में जो प्रस्ताव अपनाए गए उसके हिसाब से ही सभी देशों को यूएन चार्टर के सिद्धांतों के अनुकूल लगातार काम करना होगा। यूएन चार्टर के हिसाब से सभी देशों को धमकी देने से बचना चाहिए या किसी भी देश की क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता या राजनीतिक स्वतंत्रता के खिलाफ उसके किसी भूभाग पर कब्जे के लिए ताकत के इस्तेमाल से बचना चाहिए। धमकी या परमाणु हथियारों का इस्तेमाल अस्वीकार्य है।’

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इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘नई दिल्ली घोषणापत्र’ के बारे में सभी सदस्य देशों में सहमति बनने की जानकारी दी। पीएम ने ‘भारत मंडपम’ में G 20 समिट के दूसरे सत्र को संबोधित करते हुए सदस्य देशों के नेताओं से कहा, ‘अभी-अभी अच्छी खबर मिली है कि हमारी टीम की कड़ी मेहनत और आपके सहयोग के कारण, ‘नयी दिल्ली जी20 लीडर्स समिट डिक्लेरेशन’ पर आम सहमति बन गई है।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह मेरा प्रस्ताव है कि इस जी20 घोषणापत्र को अपनाया जाए।’ सदस्यों की मंजूरी के बाद पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं इस घोषणापत्र को अपनाने की घोषणा करता हूं।’ उन्होंने कहा, ‘इस अवसर पर मैं अपने मंत्रियों, शेरपा और सभी अधिकारियों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से इसे संभव बनाया।’

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न्यूज एजेंसी पीटीआई ने राजनयिक सूत्रों के हवाले से बताया है कि यूक्रेन संघर्ष से संबंधित पैराग्राफ पर आम सहमति नहीं होने के कारण, भारत ने शुक्रवार को सकारात्मक परिणाम निकालने के प्रयास में भू-राजनीतिक संबंधी पैराग्राफ के बिना ही सदस्य देशों के बीच शिखर सम्मेलन घोषणापत्र का मसौदा वितरित किया था।

भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘नई दिल्ली लीडर्स डिक्लेरेशन को जी20 इंडिया लीडर्स समिट में आधिकारिक तौर पर अपना लिया गया है। आज के युग को मानव-केंद्रित वैश्वीकरण के स्वर्ण युग के रूप में चिह्नित किया जाना चाहिए और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की जी20 की अध्यक्षता ने इस लक्ष्य की दिशा में अथक प्रयास किया है।’

उन्होंने कहा, ‘सभी विकासात्मक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर शत-प्रतिशत सर्वसम्मति के साथ यह ऐतिहासिक और पथप्रदर्शक जी20 घोषणापत्र है। नए भू-राजनीतिक पैराग्राफ आज की दुनिया में लोगों, शांति और समृद्धि के लिए एक मजबूत आह्वान हैं। यह आज की दुनिया में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व को प्रदर्शित करता है।’

(एजेंसियों से इनपुट के साथ)

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