आधुनिकरण की दुनिया में हर चीज डिजिटल होती जा रही है. जिसके चलते समय की बचत तो होती ही है साथ ही कई और भी फायदे होते हैं. अब डिजिटल पासपोर्ट ने भी दुनिया में दस्तक दे दी है. चलिए जानते हैं इसके बारे में सबकुछ…
नई दिल्ली. क्या आपने डिजिटल पासपोर्ट के बारे में सुना है? नहीं… आज हम आपको इसके बारे में जानकारी देने जा रहे हैं. बता दें कि पहली बार, कोई देश यात्रियों को भौतिक पासपोर्ट के बजाय अपने स्मार्टफोन पर उपलब्ध डिजिटल पासपोर्ट के साथ सीमा पार करने की अनुमति दे रहा है. ये परीक्षण फिनलैंड ने किया है. फिनलैंड यात्रा को तेज़, आसान और अधिक सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से डिजिटल पासपोर्ट लॉन्च करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है.
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देश ने 28 अगस्त को फिनएयर, फिनिश पुलिस और हवाईअड्डा संचालक फिनेविया के साथ साझेदारी में परीक्षण शुरू किया है. फिनिश बॉर्डर गार्ड यह परीक्षण कर रहा है, जो हेलसिंकी हवाई अड्डे के सीमा नियंत्रण पर किया जाएगा और फरवरी 2024 तक जारी रहेगा. यूरोपीय संघ चाहता है कि 2030 तक 27 देशों के ब्लॉक में कम से कम 80% नागरिक डिजिटल आईडी का उपयोग करें.
डिजिटल पासपोर्ट क्या है?
डिजिटल ट्रैवल क्रेडेंशियल (DTC) एक भौतिक पासपोर्ट का एक डिजिटल रूप है, जिसे स्मार्टफोन पर आसानी से डाउनलोड कर स्तोर किया जा सकता है. यह अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन के मानकों का पालन करता है, जो डिजिटल यात्रा दस्तावेजों के लिए वैश्विक ढांचे पर काम कर रहा है. दुनिया में पहली बार फिनलैंड में डीटीसी का परीक्षण किया जा रहा है. केवल फ़िनलैंड और यूके के बीच फ़िनएयर की उड़ान पर यात्रा करने वाले फ़िनिश नागरिक ही परीक्षण के लिए पात्र होंगे.
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कैसे कर सकते है प्राप्त?
फिनलैंड के नागरिकों के लिए इन डिजिटल यात्रा दस्तावेजों को जारी किया गया है, जो लंदन, मैनचेस्टर और एडिनबर्ग से फिनएयर विमानों के जरिये यात्रा कर रहे हैं. फरवरी 2024 के अंत तक अधिक संख्या में नागरिक सीमा नियंत्रण से गुजरने में सक्षम हो सकेंगे. फिनलैंड के नागरिक स्वैच्छिक डिजिटल ट्रैवल क्रेडेंशियल्स (डीटीसी) उपयोगकर्ता के रूप में पंजीकरण करके डिजिटल पासपोर्ट प्राप्त कर सकते हैं और फिनलैंड छोड़ने या यहां पहुंचने के लिए सीमा नियंत्रण पर डिजिटल पासपोर्ट का उपयोग कर सकते हैं.
डिजिटल पासपोर्ट के लाभ?
डिजिटल पासपोर्ट यात्रियों के लिए कई सुविधाएं प्रदान करता है क्योंकि यह सीमा नियंत्रण पर प्रतीक्षा समय और कतारों को कम करता है. यह सुरक्षा और गोपनीयता में भी सुधार कर सकता है और पहचान या दस्तावेज़ धोखाधड़ी को रोक सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल पासपोर्ट से लोगों की आवाजाही आसान हो जाएगी और सीमा निरीक्षण में समय की बचत होगी और कतारें अधिक तरल हो जाएंगी.
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क्या डिजिटल पासपोर्ट ई-पासपोर्ट से अलग हैं?
डिजिटल पासपोर्ट ई-पासपोर्ट से अलग है, जो भारत सहित 100 से अधिक देशों में पहले से ही उपयोग में हैं. ई-पासपोर्ट एक चिप-सक्षम पासपोर्ट है जिसमें सुरक्षा बढ़ाने और पहचान सत्यापन के स्तर में सुधार करने के लिए बायोमेट्रिक पहचान पत्र होता है. जबकि डिजिटल भौतिक पासपोर्ट का एक रूप है, जिसे स्मार्टफोन में ले जाया जा सकता है. भौतिक पासपोर्ट के रूप में ले जाने की आवश्यकता नहीं होती है.