Mansukh Mandaviya Exclusive Interview: केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा, “जी20 समिट जिस तरह से पीएम मोदी के नेतृत्व में सफल हुआ है, इससे भारत की जो प्राथमिक्ता थी उसको मंजूरी मिली है. जब कोई महामारी आती है, तो सबको मिलकर काम करना चाहिए. हमने दुनिया के देशों को कोरोना के समय में वैक्सीन दी, जिस तरह दूसरे देश वैक्सीन की जमाखोरी कर रहे थे, वैसे समय में हमने देशों को वैक्सीन दी.”
नई दिल्ली. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने गुरुवार को न्यूज़18 के साथ विशेष बातचीत में आयुष्मान भारत और आयुष्मान भवः के बीच के अंतर को बताया. इसके साथ ही उन्होंने हाल ही में संपन्न जी20 शिखर सम्लेन के दौरान कोविड-19 महामारी के समय पूरी दुनिया में भारत के योगदान के बारे में भी जानकारी दी. News18 India के मैनेजिंग एडिटर किशोर अजवाणी के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में मंडाविया ने कहा कि पीएम मोदी की अगुवाई में भारत ने विश्व के सभी कोरोना प्रभावित देशों को वैक्सीन मुहैया करवाई. पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:
पहला सवाल : आयुष्मान भारत और आयुष्मान भवः में क्या अंतर है?
जवाब : आयुष्मान भवः एक अभियान है. पीएम मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक देश सेवा पखवाड़ा मनाते हैं क्योंकि वे मानवता की सेवा के साथ जुड़े हैं. पीएम मोदी कोई भेंट तो लेते नहीं हैं, तो देश के नागरिक पीएम मोदी के जन्मदिन पर क्या करे… इसलिए सेवा पखवाड़ा मनाया जाता है. सेवा पखवाड़ा में देश के नागरिक कोई सेवा का काम करते हैं, इसलिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने तय किया है कि हम 15 दिन के लिए सेवा पखवाड़ा अभियान चलाएंगे और उसमें देश के नागरिकों को जोड़ेंगे. पीएम मोदी मानवता की सेवा के साथ जुड़े हुए हैं. वे कोई भेद तो करते नहीं हैं, तो उनके जन्मदिन पर देश के लोग क्या करे. इसीलिए सेवा पखवाड़ा किया जाता है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “इस अभियान के तहत हम चार काम करेंगे. देश में 7 करोड़ लोग आयुष्मान भारत योजना का लाभ लेते हैं, जिन लोगों के पास कार्ड नहीं है. उन तक कार्ड पहुंचाने का काम करेंगे. हमने तय किया है कि आयुष्मान भारत योजना लाभार्थियों को आयुष्मान भव: के तहत जिनके पास कार्ड नहीं हैं उन तक कार्ड पहुंचाना है.”
ये भी पढ़ें– Ayodhya News: मूर्तियां, स्तंभ और बहुत कुछ, जानें अयोध्या के श्रीरामजन्मभूमि परिसर की खुदाई में क्या-क्या मिला
मंडाविया ने कहा, “आयुष्मान भारत कार्ड यानी पीएम मोदी की पांच लाख की मुफ्त इलाज की गारंटी.
एक बार किसी के पास कार्ड आ जाता है, तो उसे कॉन्फिडेंस आ जाता है. जहां अमीर का इलाज होता है, अगर आप आयुष्मान भारत योजना लाभार्थी हैं तो एक डॉक्टर दो अमीर का इलाज करता है. वही गरीब का इलाज भी करेगा. इससे बड़ी समानता क्या हो सकती है.”
केंद्रीय स्वास्त्य मंत्री ने आगे कहा, “आयुष्मान स्वास्थ्य मेला लगेगा, कार्ड बनेंगे, उसके बाद हमने तय किया है कि गांव-गांव में भी स्वास्थ्य के लिए कम्पटीशन होना चाहिए. जिस गांव में सबके आयुष्मान कार्ड बन गए, टीबी का इलाज शुरू हो गया हो, जिस गांव में ये सब काम पूरे हो गए हो, उसके बाद होर्डिंग लगेगा, उसे हम आयुष्मान गांव घोषित करेंगे. इससे दूसरे गांवों को पता चलेगा कि उस गांव में क्या काम हुआ है.”
केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि आयुष्मान भारत के 60 करोड़ लाभार्थी हैं और वर्तमान में 24 करोड़ लोगों के पास है आयुष्मान कार्ड मौजूद है. ऑर्गन डोनेशन के मुद्दे पर उन्होंने कहा, “इस बारे में जागरूकता लाना बहुत जरूरी है. हम मौत होने के बाद देख नहीं सकते, लेकिन किसी को हमने अगर आंख डोनेट कर दी, तो वो आंख उसके लिए काम कर सकती है.”
ये भी पढ़ें– भारतीय वायुसेना की ताकत में इजाफा, मिल गया पहला C-295 ट्रांसपोर्टर विमान, जानें क्या है खासियत
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “इस सेवा पखवाड़े में हम दूसरा काम करेंगे ऑर्गन डोनेशन के लिए जागरूकता लाने का. किसी की मौत होती है, तो अगर उसका हृदय किसी दूसरे आदमी को लगाया जाए तो उसे जिंदगी मिल जाती है. ऑर्गन डोनेशन में दूसरे को जीवन देने की ताकत है. इसलिए इसके लिए जागरूकता की जरूरत है.”
उन्होंने कहा कि सेवा पखवाड़े में ब्लड डोनेशन का कार्यक्रम भी चलाया जाएगा. उन्होंने बताया कि लोग इस अभियान में जुड़ रहे हैं और मुझे उम्मीद है अभियान सफल होगा एवं पीएम मोदी जो मानवता की मदद कर रहे हैं, उसमें सहयोग मिलेगा.
सवाल 2 – अभी जी-20 हुआ, उसमें सब बड़ी अर्थव्यवस्थाएं, अब विकासशील देशों की भी अफ्रीकन यूनियन जुड़ गई. उसमें हेल्थ को लेकर बात हुई. कोविड महामारी से दुनिया निकली है. वायरस कोई दायरा देखकर नहीं आता और ना ही वैक्सीन. इसमें भारत का सबसे बड़ा योगदान रहा, आगे क्या रहेगा?
जवाब: जी20 जिस तरह से पीएम मोदी के नेतृत्व में सफल हुआ है. भारत की जो प्राथमिकता थी, इससे उसको मंजूरी मिली है. जब कोई महामारी आती है, तो सबको मिलकर काम करना चाहिए. हमने दुनिया के देशों को कोरोना के समय में वैक्सीन दी, जिस तरह दूसरे देश वैक्सीन की जमाखोरी कर रहे थे, ऐसे समय में हमने प्रभावित देशों को वैक्सीन मुहैया कराई. जब हमने दवा दी… वैक्सीन दी… तो लोगों ने पीएम मोदी को फोन करके और ट्वीट करके धन्यवाद किया. इससे विश्व में हमारा सम्मान बढ़ा है.