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शेयर बाजार में निवेश करने वालों को राहत, SEBI ने इस काम के लिए समय सीमा बढ़ाई, अब ये होगी आखिरी तारीख

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सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने डीमैट खाताधारकों को राहत देते हुए डीमैट आकाउंट में नामांकन करने की समय सीमा 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है.

मुंबई. शेयर बाजार नियामक संस्था सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने डीमैट खाताधारकों को बड़ी राहत देते हुए डीमैट आकाउंट में नामांकन करने की समय सीमा 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है. इससे पहले मार्च में भी नियामक ने यह समय सीमा 31 मार्च से बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी थी. अब एक बार फिर इस डेडलाइन को बढ़ा दिया है.

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इसके अलावा, सेबी ने फिजिकल सिक्योरिटी होल्डर्स के लिए पैन और केवाईसी डिटेल जमा करने की समय सीमा भी बढ़ा दी है. यह टाइम लिमिट 30 सितंबर से बढ़कर 31 दिसंबर 2023 हो गई है.

पालन नहीं करने जब्त हो जाएगा पोर्टफोलियो
सेबी ने कहा है कि डेडलाइन के भीतर इसका पालन नहीं करने पर अकाउंट और फोलियो जब्त कर लिए जाएंगे. बाजार नियामक ने 27 मार्च, 2023 को एक सर्कुलर के जरिए डीमैट खाताधारकों को या तो ‘नामांकन का विकल्प’ प्रदान करना या नामांकन से पूरी तरह बाहर निकलने का विकल्प चुनना अनिवार्य कर दिया था. सेबी ने एक्सचेंज और ब्रोकर यूनियन से मिले सुझाव के आधार पर यह आदेश दिया था.

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नॉमिनी फाइल करना क्यों जरूरी
डीमैट अकाउंट में नॉमिनी अनिवार्य करने का मकसद निवेशकों को उनके एसेट्स सिक्योर करने और उन्हें उनके कानूनी उत्तराधिकारियों को सौंपने में मदद करना है. सेबी ने कहा कि कि लाभार्थी को नामांकित करने का आदेश नए और मौजूदा निवेशकों दोनों पर लागू होता है.

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सेबी के नियम के तहत नए निवेशकों को ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट ओपन कराते समय या तो अपनी सिक्योरिटीज को नामांकित करना होगा या औपचारिक रूप से एक डिक्लियरेशन के जरिए नामांकन से बाहर निकलना होगा. बता दें कि नॉमिनी यानी उत्तराधिकारी वह व्यक्ति है, जिनका नाम बैंक खाते, निवेश या बीमा में होता है और खाताधारक की मृत्यु होने पर वह निवेश राशि पाने का हकदार होता है. मार्केट नियामक सेबी समय-समय पर निवेशकों के हित के लिए कदम उठाते आया है.

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