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4 से 13 अक्टूबर तक खरीद पाएंगे चुनावी बॉन्ड, क्या होते हैं इलेक्टोरल बॉन्ड, क्‍या इसमें पैसे लगाने पर मिलता है रिटर्न

Electrol Bonds: आप चुनावी बॉन्‍ड के जरिए अपनी पसंद की पार्टी को चंदा दे सकते हैं. इसमें व्यक्ति, कॉरपोरेट और संस्थाएं चुनावी बॉन्ड खरीद सकते हैं. वहीं, राजनीतिक पार्टियां इस बॉन्ड को बैंक में भुनाकर रकम हासिल करते हैं.

नई दिल्ली. देशभर में राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने के लिए इलेक्टोरल या चुनावी बॉन्ड (Electoral Bonds) जारी किया जाता है. अगर आप भी इलेक्टोरल बॉन्ड से चंदा देना पसंद करते हैं तो आपके लिए अभी एक मौका है. दरअसल, देश के 5 राज्यों में साल के अंत में प्रस्तावित विधानसभा चुनावों से पहले सरकार ने चुनावी बॉन्ड की 28वीं किस्त जारी करने की शुक्रवार को मंजूरी दे दी. यह 4 अक्टूबर से 10 दिनों तक बिक्री के लिए उपलब्ध रहेगा.

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वित्त मंत्रालय के मुताबिक, एसबीआई को बॉन्ड बिक्री की 28वीं किस्त में अपनी 29 अधिकृत शाखाओं के जरिए 4 से 13 अक्टूबर के बीच चुनावी बॉन्ड जारी करने और उसे नकदी में बदलने के लिए अधिकृत किया गया है.

चुनावी बॉन्ड जारी करने के लिए सिर्फ SBI ही अधिकृत बैंक
चुनावी बॉन्ड जारी करने के लिए सिर्फ एसबीआई ही अधिकृत बैंक है. चुनावी बॉन्ड की बिक्री के लिए अधिकृत शाखाएं बेंगलुरु, लखनऊ, शिमला, देहरादून, कोलकाता, गुवाहाटी, चेन्नई, पटना, नयी दिल्ली, चंडीगढ़, श्रीनगर, गांधीनगर, भोपाल, रायपुर और मुंबई में स्थित हैं. वित्त मंत्रालय ने कहा कि बॉन्ड जारी होने की तारीख से 15 दिनों तक वैध होंगे और अगर यह अवधि खत्म होने के बाद बॉन्ड को जमा किया जाता है तो उसके एवज में राजनीतिक दल को कोई भुगतान नहीं किया जाएगा.

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क्या होते हैं चुनावी बॉन्ड
मोदी सरकार ने 2018 में राजनीतिक दलों की ओर से फंड जुटाने के लिए बॉन्‍ड जारी किया था, जिसे चुनावी बॉन्‍ड कहा जाता है. सरकार ने इस दावे के साथ इसकी शुरुआत की थी कि इससे राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता बढ़ेगी. आप इस बॉन्‍ड के जरिए अपनी पसंद की पार्टी को चंदा दे सकते हैं. इसमें व्यक्ति, कॉरपोरेट और संस्थाएं ये बॉन्ड खरीद सकते हैं और राजनीतिक पार्टियां इस बॉन्ड को बैंक में भुनाकर रकम हासिल करते हैं. बैंक चुनावी बॉन्‍ड उसी ग्राहक को बेचते हैं, जिनका केवाईसी वेरिफाइड होगा. बॉन्ड पर चंदा देने वाले का नाम नहीं होता और इसे गुप्‍त रखा जाता है.

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क्‍या मिलता है रिटर्न
अगर आप यह सोच रहे हैं कि इस बॉन्‍ड को खरीदकर आप राजनीतिक दलों को जो पैसा दे रहे वह बॉन्‍ड की वापसी पर मिलेगा, तो ऐसा बिलकुल नहीं है. यह बॉन्‍ड एक तरह से रसीद की तरह काम करता है. यानी आपको इस पर कोई रिटर्न नहीं मिलने वाला, बल्कि आप जिस पार्टी को चंदा देना चाहते हैं, उसके नाम से इस बॉन्‍ड को खरीदेंगे और इसका पैसा संबंधित राजनीतिक दल को मिल जाएगा. बॉन्‍ड को आप न तो बैंक को वापस कर सकते हैं और न ही इस पर कोई ब्‍याज मिलने वाला है.

बॉन्‍ड खरीदने पर टैक्स छूट
अगर आप किसी राजनीतिक पार्टी को चंदा देना चाहते हैं तो सीधे पैसे देने के बजाए चुनावी बॉन्‍ड के जरिए पैसे जमा कर सकते हैं. इसके एवज में आपको दिए गए पैसे पर टैक्‍स छूट मिल जाएगी. इनकम टैक्स की धारा 80जीजीसी और 80जीजीबी के तहत यह छूट दी जाती है.

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