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RBI MPC: आपके शहर वाला को-ऑपरेटिव बैंक भी दे सकेगा ज्‍यादा गोल्ड लोन, नहीं ताकना पड़ेगा प्राइवेट लेंडर्स का मुंह!

Gold Loan New Rule: अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक बुलेट पेमेंट स्कीम या ईएमआई पेमेंट रूट के जरिए 12 महीने के लिए गोल्ड लोन दे सकते हैं. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अब लोन की सीमा को 2 लाख से बढ़ाकर 4 लाख रुपये कर दिया है.

नई दिल्‍ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक अहम फैसला लेते हुए शहरों में स्थित को-ऑपरेटिव बैंकों के गोल्‍ड लोन (Gold loan) देने की लिमिट को बढ़ा दिया है. पहले को-ऑपरेटिव बैंक केवल 2 लाख रुपये तक गोल्‍ड लोन दे सकते थे, जिसे अब बढ़ाकर दोगुना यानी 4 लाख रुपये कर दिया है. भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (RBI MPC Meeting) की बैठक के बाद कमेटी के फैसलों की जानकारी देते हुए आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने कहा कि वे शहरी को-ऑपरेटिव बैंक ही रिजर्व बैंक की इस छूट का फायदा उठा पाएंगे जिन्होंने 31 मार्च 2023 तक प्रॉयरिटी सेक्टर को कर्ज देने के ओवरऑल टारगेट और सब-टारगेट को पूरा किया है. यह एक तरह से रिजर्व बैंक के द्वारा विभिन्न सेक्टरों को कर्ज देने का लक्ष्य पाने वाले शहरी को-ऑपरेटिव बैंकों को प्रोत्साहन देना है.

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त्‍योहारों से पहले गोल्‍ड लोन की सीमा को बढ़ाना शहरी को-ऑपरेटिव बैंकों के लिए एक शानदार तोहफा है. दरअसल केंद्रीय बैंक ने बुलेट पेमेंट स्कीम में कुछ बदलाव किए हैं. नियमों को बदलकर अब अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकों के लिए गोल्ड लोन के नियमों को आसान बनाया है. गवर्नर शक्तिकांत दास ने फैसलों का ऐलान करते हुए कहा कि अब बुलेट पेमेंट स्कीम के तहत शहरी को-ऑपरेटिव बैंक 4 लाख रुपये तक का गोल्ड लोन दे सकेंगे. अभी तक उन्हें 2 लाख रुपये तक के गोल्ड लोन की ही मंजूरी थी.

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सिर्फ शहरी बैंकों को होगा फायदा
बुलेट पेमेंट स्‍कीम में बदलाव का फायदा चुनिंदा शहरी को-ऑपरेटिव बैंकों को ही होने वाला है. आरबीआई गवर्नर ने साफ कहा कि गांव में स्थित को-ऑपरेटिव बैंकों पर नए नियम लागू नहीं होंगे. रिजर्व बैंक के इस फैसले से शहरी को-ऑपरेटिव बैंकों को काफी लाभ होने वाला है. को-ऑपरेटिव बैंकों से बड़ी संख्‍या में लोग जुड़े हुए हैं और अपनी बैंकिंग जरूरतों के लिए इन पर निर्भर हैं. लोगों के पास गोल्‍ड लोन लेने के विकल्‍प बढ़ेंगे. को-ऑपरेटिव बैंकों को भी गोल्‍ड लोन की लिमिट बढ़ने का फायदा यह होगा कि वे अब ज्यादा लोन बांट सकेंगे और उनका बिजनेस बढ़ेगा.

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2007 में शुरू हुई थी बुलेट पेमेंट स्‍कीम
बुलेट पेमेंट स्कीम के तहत गोल्ड लोन देने को मंजूरी 2007 में मिली थी. शुरुआत में भारतीय रिजर्व बैंक ने इस स्कीम के तहत 1 लाख रुपये तक के लोन की मंजूरी दी थी. 2014 में इस लिमिट को बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दिया गया. अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक बुलेट पेमेंट स्कीम या ईएमआई पेमेंट रूट के जरिए 12 महीने के लिए गोल्ड लोन दे सकते हैं.

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