प्राइवेट सेक्टर के आरबीएल बैंक (RBL Bank) ने अपने नवीनतम डिजिटल बैंकिंग प्रोडक्ट गो सेविंग्स अकाउंट (Go Savings Account) के लॉन्च की घोषणा की है. यह एक जीरो बैलेंस अकाउंट है.
ये भी पढ़ें– Rupee vs Dollar: शुरुआती कारोबार में रुपया पड़ा कमजोर, इतने पैसे गिरकर कर रहा है ट्रेड
नई दिल्ली. अगर आप सेविंग्स अकाउंट पर ज्यादा ब्याज चाहते हैं और आसानी से अकाउंट खोलना चाहते हैं तो आपके लिए खुशखबरी है. दरअसल, प्राइवेट सेक्टर के आरबीएल बैंक (RBL Bank) ने अपने नवीनतम डिजिटल बैंकिंग प्रोडक्ट गो सेविंग्स अकाउंट (Go Savings Account) के लॉन्च की घोषणा की है. यह अकाउंट खोलना आसान है और इसे आसानी से ऑपरेट किया जा सकता है.
गो सेविंग्स अकाउंट एक जीरो बैलेंस अकाउंट है. यह प्रोडक्ट सभी आयु वर्ग के ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करता है. गो सेविंग्स अकाउंट एक सब्सक्रिप्शन-बेस्ड मॉडल है.
ये भी पढ़ें– महंगाई पर RBI गर्वनर की बढ़ी चिंता, कहा-इंफ्लेशन पर लगाम लगाने वाली होनी चाहिए MPC
Go Savings Account की खासियतें-
- यह सालाना 7.5 फीसदी तक की उच्च ब्याज दरों, एक प्रीमियम डेबिट कार्ड और प्रीमियर ब्रांड्स के 1,500 रुपये के वाउचर सहित कई कस्टमर-फ्रेंडली लाभ प्रदान करता है.
- यह अकाउंट 1 करोड़ रुपये तक का कंप्रिहेंसिव साइबर इंश्योरेंस कवर, एक्सीडेंट और ट्रैवल इंश्योरेंस और मुफ्त CIBIL रिपोर्ट भी प्रदान करता है.
- यह अकाउंट प्रीमियम बैंकिंग सर्विसेज की एक रेंज भी प्रदान करता है. इसमें पहले साल की सब्सक्रिप्शन फीस 1999 रुपये (प्लस टैक्स) है. इसके अलावा इस अकाउंट पर 599 रुपये (प्लस टैक्स) के एनुअल रिन्यूअल फीस लगती है.
ये भी पढ़ें– Isha Ambani की कंपनी का कौन है पहला कर्मचारी? जिसकी एक दिन की सैलरी है 1.3 लाख रुपये
हाल ही RBL बैंक पर लगा था 64 लाख का जुर्माना
बता दें कि हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आरबीएल बैंक पर 64 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. आरबीएल बैंक मार्च को समाप्त होने वाले तीन फाइनेंशियल ईयर 31 मार्च 2018, 31 मार्च 2019 और 31 मार्च 2020 के लिए अपने शेयर होल्डर्स से फॉर्म B से डिक्लेरेशन नहीं ले पाया. इन 3 वित्तीय वर्ष के सितंबर के अंत तक अपने प्रमुख शेयरधारकों में से एक की ‘फिट और प्रॉपर’ स्टेटस को जारी रखने के संबंध में आरबीआई को सर्टिफिकेट नहीं दे पाया. आरबीआई ने कहा था कि बजाज फाइनेंस पर आरबीआई के निर्देशों का पालन न करने और आरबीआई को कुछ धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने में देरी करने के कारण जुर्माना लगाया गया है.