राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों, शॉपिंग मॉल, होटलों व बहुमंजिला इमारतों तथा अस्पतालों के संचालकों को अब इमारतों में बिजली सुरक्षा संबंधी जांच करवानी होगी। नई बनने वाली बहुमंजिला इमारतों में बिजली का कनेक्शन देने से पहले संबंधित क्षेत्र से अधिशासी अभियंता से एनओसी लेना जरूरी होगा।
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इस संदर्भ में शासन ने पावर कारपोरेशन और मंडलायुक्तों को निर्देश जारी कर कहा है कि बहुमंजिला इमारतों में हर तीन वर्ष में बिजली सुरक्षा के संबंध में जांच करवाई जाए, जिससे किसी भी प्रकार के अग्निकांड जैसी घटना को रोका जा सके।
अधिसूचना का नहीं हो रहा पालन
अपर मुख्य सचिव महेश कुमार ने गुप्ता पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक, निदेशक विद्युत सुरक्षा तथा मंडलायुक्तों को जारी निर्देश में कहा है कि छह मई 1994 में इमारतों में अग्निकांडों के मद्देनजर अधिसूचना जारी की गई थी, लेकिन उसका पालन नहीं किया जा रहा है।
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बिजली सुरक्षा संबंधी जांच करवाएं
निदेशक विद्युत सुरक्षा का दायित्व होगा कि वह संबंधित जोन के सहायक निदेशक के माध्यम से सर्वाधिक भीड़-भाड़ वाले भवनों का विवरण एकत्र करके वहां पर बिजली सुरक्षा संबंधी जांच करवाएं। साथ ही सुनिश्चित करें कि पिछली बार संबंधित भवनों में बिजली सुरक्षा की जांच कब की गई थी।
जांच के तीन वर्ष से ज्यादा होने पर भवनों के मालिकों से शुल्क लेकर बिजली सुरक्षा की जांच करवाने के निर्देश दिए गए हैं। संबंधित जांच अधिकारी अपनी जांच रिपोर्ट निदेशक को भेजेंगे।
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एक महीने के अंदर दूर करनी होगी खामी
अगर कहीं पर बिजली सुरक्षा संबंधी कोई खामियां रिपोर्ट में इंगित की गई हैं तो जांच रिपोर्ट मिलने के एक माह के भीतर भवन मालिक द्वारा उक्त खामी को दूर किया जाएगा। अगर भवन मालिक खामी को दूर करके संबंधित अधिकारी को सूचित नहीं करता है तो उसका बिजली का कनेक्शन काटने के भी निर्देश दिए गए हैं।