नई दिल्ली : रेवेन्यू बढ़ाने के लिए डीडीए अब काफी नए तरीके आजमा रहा है। इस बार वह दूसरे चरण में शामिल 2000 से अधिक फ्लैट का ई-ऑक्शन करेगा। 30 नवंबर से यह स्कीम लॉन्च होगी। इस स्कीम में द्वारका सेक्टर-19 बी के बने डीडीए कॉम्प्लेक्स में 14 पेंटहाउस, 170 सुपर एचआईजी और 946 एचआईजी फ्लैट्स शामिल हैं। इसके अलावा इसी स्कीम में द्वारका सेक्टर-14 में बने 316 एमआईजी और लोकनायकपुरम में बने 647 एमआईजी फ्लैट्स भी शामिल हैं। इस ऑक्शन में शामिल होने के लिए लोगों को ईएमडी (अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट) के तहत 10 लाख से 25 लाख रुपये जमा करवाने होंगे।
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डीडीए के मुताबिक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और ईएमडी जमा करने की प्रक्रिया 30 नवंबर से शुरू होगी और यह 29 दिसंबर को शाम 6 बजे तक जारी रहेगी। 5 जनवरी 2024 से ऑनलाइन ई-ऑक्शन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। फ्लैट के हिसाब से इसका शेड्यूल बाद में जारी किया जाएगा। 18 साल से ऊपर के लोग स्कीम में अप्लाई कर सकते हैं। स्कीम में रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए 2500 रुपये चुकाने होंगे। इसके बाद ई-ऑक्शन में हिस्सा लेने के लिए आवेदक को अपने फ्लैट के अनुरूप ऑनलाइन ही ईएमडी जमा करवानी होगी। यह ईएमडी फ्लैट की पेमेंट में शामिल हो जाएगी।
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असफल बोलीदाताओं को 30 दिन में ईएमडी वापस कर दी जाएगी। ई-बिड पूरी होने के बाद आवेदक उससे पीछे नहीं हट सकेगा। यदि वह ऐसा करता है, तो उसकी ईएमडी जब्त हो जाएगी। पेंटाहाउस के लिए बोली दो लाख के गुणा में, सुपर एचआईजी के लिए डेढ़ लाख, एचआईजी के लिए एक लाख और एमआईजी के लिए 50 हजार के गुणा में वेलिड होंगी। डिमांड कम अलॉटमेंट लेटर जारी होने के 60 दिनों के अंदर आवेदक को फ्लैट की कीमत देनी होगी। इसके बाद 30 दिन का एक्स्ट्रा टाइम आवेदक को मिल सकता है। लेकिन इसमें अलॉटी को 10 प्रतिशत ब्याज चुकाना होगा। स्कीम चलने के दौरान लोग साइटों पर जाकर सैंपल फ्लैट देख सकते हैं। यहां उनके लिए सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक डीडीए के अधिकारी मौजूद रहेंगे। जो उन्हें फ्लैट्स के बारे में पूरी जानकारी देंगे।
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क्या DDA अपने घाटे को प्रॉफिट में बदल पाएगा?
डीडीए ने सुपर लग्जरी फ्लैट में रेवेन्यू कमाने का एक मौका देखा है। पहली बार इन फ्लैट्स के लिए ई-ऑक्शन किया जा रहा है। दरअसल डीडीए के फ्लैट्स लंबे समय से बिक नहीं रहे हैं। इसकी वजह से डीडीए की आर्थिक हालत भी कमजोर हो रही है। 2022 में एलजी वी. के. सक्सेना ने ट्वीट किया था। जिसमें उन्होंने बताया था कि 2019-20 से 2021-22 के दौरान डीडीए की आमदनी 3,578.69 करोड़ की है। वहीं, कुल खर्च 6,787.83 करोड़ का है। यानी डीडीए 3209.14 करोड़ के घाटे में हैं। इतना ही नहीं 2016-17 से 2021-22 के दौरान डीडीए पर 8915 करोड़ की लोन देनदारी भी है। ट्वीट में लिखा गया कि डीडीए राजधानी के सबसे महंगे और बड़े रियल एस्टेट का मालिक है, लेकिन कुप्रबंधन की वजह से उसके आर्थिक हालात खराब हो गए हैं। इसके बाद से डीडीए ने फ्लैट्स का बैकलॉग क्लीयर करने के लिए कई नए तरीके अपनाए हैं। इनमें डीडीए को कुछ सफलता भी मिली है। हाल ही में डीडीए ने फ्लैट्स की मांग बढ़ाने के लिए कंसलटेंट भी रखा है, जो डीडीए को हाउसिंग स्कीम को सफल बनाने का एजेंडा देगा।