जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) के नेता लालदुहोमा ने शुक्रवार को मिजोरम के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
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राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति ने राजधानी आइजोल में राजभवन परिसर में लालदुहोमा और अन्य मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।इससे पहले बुधवार को ही लालदुहोमा ने राज्यपाल से मिलकर सरकार गठन का दावा पेश कर दिया था। जेडपीएम ने राज्य की 40 में से 27 सीटों पर जीत हासिल कर एमएनएफ और कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया था।
जेडपीएम ने कैसे कायम किया ‘जलवा’
पूर्व आईपीएस लालडुहोमा ने जोराम नेशनलिस्ट पार्टी नाम से एक दल बनाया, जिसके जरिए वे राज्य की राजनीति में सक्रिय हुए।
वहीं दूसरी ओर, राज्य के पांच अन्य छोटे दलों के साथ लालडुहोमा की पार्टी ने गठबंधन कर लिया। जिसके बाद वह गठबंधन राजनीतिक पार्टी में तब्दील हो गया, जो 2017 में जेडपीएम पार्टी के नाम से अस्तित्व में आया।
आखिर कौन है पूर्व आईपीएस लालडुहोमा?
मिजोरम में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी जेडपीएम के अध्यक्ष लालडुहोमा मिजोरम के एक पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं। एक स्थानीय रिपोर्ट के मुताबिक, 1972 से 1977 तक लालडुहोमा ने मिजोरम के मुख्यमंत्री के प्रधान सहायक के तौर पर काम किया था। अपनी स्नातक की पढ़ाई के बाद उन्होंने भारतीय सिविल सेवा परीक्षा दी। 1977 में आईपीएस बनने के बाद उन्होंने गोवा में एक स्क्वाड लीडर के तौर पर काम किया।
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तैनाती के दौरान उन्होंने तस्करों पर बड़ी कार्रवाई की। पुलिस अधिकारी के तौर पर उनकी उपलब्धियां सामाचार पत्रों की सुर्खियां बनने लगी थीं। 1982 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें अपना सुरक्षा प्रभारी नियुक्त किया था। पुलिस उपायुक्त के रूप में विशेष पदोन्नति दी गई थी। राजीव गांधी की अध्यक्षता में 1982 एशियाई खेलों की आयोजन समिति के सचिव भी थे।