Budget 2024: चुनावी साल होने की वजह से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि बजट में सीनियर सिटिजन्स के लिए रियायती दरों पर मिलने वाले टिकटों की बहाली की जा सकती है.
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Budget 2024: आगामी साल चुनावी साल होगा, जिसकी वजह से हर साल की तरह 1 फरवरी को पेश किया जाने वाला पूर्ण बजट नहीं होगा, बल्कि लेखानुदान पेश किया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में लेखानुदान पेश कर सकती हैं. देशवासियों से लेकर कारोबारियों और सैलरीड क्लास के लोगों के इस लेखानुदान से काफी उम्मीदें हैं. हालांकि, लेखानुदान नई सरकार के गठन तक सरकारी मशीनरी को चलाने के लिए पेश किया जाता है. इसमें कोई बड़ा एलान नहीं किया जाता है. फिर भी चुनावी साल होने की वजह से लोगों को लोकलुभावन घोषणाओं का इंतजार है.
पहले रेलवे में सीनियर सिटिजन्स के आधे दाम पर टिकट मिलते थे, लेकिन कोविड-19 के बाद से सरकार ने इस व्यवस्था को खत्म कर दिया. इसको लेकर सीनियर सिटिजन्स और देशवासियों की तरफ से हर समय मांग की जाती रही है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि सरकार को इस साल चुनाव में जाना है तो इस तरह के व्यवस्था को फिर से बहाल किया जा सकता है. अगर सरकार की तरफ से इस तरह की घोषणा की जाती है, तो इससे सरकार के समावेशी विकास के प्रति कमिटमेंट को बल मिलेगा.
हिस्टारिकल पर्सपेक्टिव
रेलवे में सीनियर सिटिजन्स के लिए रियायती टिकटों के प्रावधान का ऐतिहासिक महत्व है. इसे सीनियर सिटिजन्स के लिए सस्ती यात्रा की सुविधा के लिए लागू किया गया था, क्योंकि रिटायर्ड लोगों को अक्सर पैसे की कठिनाई का सामना करना पड़ता है. अगर सरकार यह कदम उठाती है तो सीनियर सिटिजन्सपर फाइनेंशियल बर्डेन कम हो सकता है.
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सीनियर सिटिजन्स पर प्रभाव
रियायती रेल टिकटों की बहाली से सीनियर सिटिजन्स के जीवन पर गहरा असर पड़ सकता है. कई बुजुर्ग व्यक्ति अपने दैनिक आवागमन या कभी-कभार यात्रा के लिए सार्वजनिक परिवहन पर निर्भर होते हैं और टिकटों की कीमत एक बड़ा फैक्टर हो सकती है. रियायती दरों को फिर से शुरू करके, सरकार का लक्ष्य सीनियर सिटिजन्स के लिए रेलवे की पहुंच बढ़ाना है, जिससे वे अधिक आरामदायक और किफायती यात्रा कर सकें.
सोशल इंक्लूजन
सीनियर सिटिजन्स को किफायती दरों पर रेल टिकट को फिर से शुरू करने का निर्णय से सोशल इंक्लूजन को बढ़ावा मिल सकता है. जनसंख्या के भीतर विभिन्न आयु समूहों की विविध आवश्यकताओं को पहचानना एक ऐसे समाज के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है जो अपने सभी सदस्यों की भलाई को पूरा करता है.
इकोनॉमिक व्यू
हालांकि, कुछ लोग रियायती टिकट उपलब्ध कराने की आर्थिक व्यवहार्यता पर सवाल खड़ा कर सकते हैं, लेकिन इस पहल को हमारे सीनियर सिटिजन्स की भलाई में निवेश के रूप में देखना आवश्यक है. उनकी यात्रा को सुविधाजनक बनाने से सामाजिक गतिविधियों में भागीदारी बढ़ सकती है, स्वास्थ्य देखभाल तक बेहतर पहुंच हो सकती है और जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार हो सकता है.
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टेक्नोलॉजी इंटीग्रेशन
बजट 2024 में रियायती रेल टिकटों की बहाली अधिक सुव्यवस्थित और यूजर-फ्रेंडली प्रॉसेस के लिए टेक्नोलॉजी का लाभ उठाने का एक अवसर भी हो सकता है. टिकट बुकिंग, उम्र के सत्यापन और अन्य संबंधित सेवाओं के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म को लागू करने से एफिशिएंसी और सुविधा बढ़ सकती है, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि सीनियर सिटिजन आसानी से लाभ उठा सकें.