बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में 28 जनवरी को बनी एनडीए सरकार ने फ्लोर टेस्ट से पहले ही बहुमत साबित कर दिया है।
विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी स्पीकर के खिलाफ सत्ता पक्ष का अविश्वास प्रस्ताव पास हो गया है। आरजेडी कोटे से स्पीकर अवध बिहारी चौधरी को हटाने के पक्ष में 243 सदस्यों की विधानसभा में 125 वोट पड़े। स्पीकर चौधरी के समर्थन में 112 वोट ही पड़े। इससे पहले आरजेडी के तीन विधायक चेतन आनंद, प्रह्लाद यादव और नीलम देवी नीतीश के पाले में चले गए और सदन में सत्ता पक्ष के विधायकों के साथ बैठ गए। स्पीकर को हटाने के बाद नीतीश ने सरकार का विश्वास मत पेश किया है जिस पर बहस चल रही है। नीतीश सरकार का बहुमत साबित करना अब औपचारिकता है क्योंकि आरजेडी कोटे के स्पीकर के खिलाफ प्रस्ताव पास होने से स्पष्ट है कि सरकार के पास नंबर है।
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बीजेपी विधायक नंद किशोर यादव समेत सत्ता पक्ष के अन्य विधायकों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस मिलने की जानकारी देने के बाद स्पीकर की कुर्सी से अवध बिहारी चौधरी हट गए और उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी को आगे की कार्यवाही संचालित करने के लिए आसन पर बुला लिया था। स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले सभी दलों के नेताओं ने बहस में हिस्सा लिया।
2022 में जब नीतीश कुमार ने एनडीए छोड़कर आरजेडी और कांग्रेस के साथ महागठबंधन सरकार बनाई थी तब बीजेपी कोटे से स्पीकर रहे विजय कुमार सिन्हा ने भी पद छोड़ने से मना कर दिया था। फ्लोर टेस्ट के दिन उन्होंने सदन के अंदर भाषण करने के बाद इस्तीफा दे दिया था।
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नीतीश के महागठबंधन छोड़ने के बाद लग रहा था कि चौधरी इस्तीफा दे देंगे लेकिन बाद में जेडीयू और हम के विधायकों को लेकर अटकलबाजी शुरू हो गई जिसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच खेला होगा जैसी बातें होने लगी।