All for Joomla All for Webmasters
समाचार

‘बाइक पर दो से ज्यादा लोगों का बैठना दुर्घटना में लापरवाही का कारण’, कोर्ट ने Bike Accident में घायल महिला का मुआवजा किया कम

कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि महिला ने जानबूझकर चार लोगों के साथ मोटरसाइकिल पर सवार होकर जोखिम उठाया.

ये भी पढ़ें–  अंगदान को यूं ही नहीं कहते जीवनदान, आप भी बचा सकते हैं दूसरों की जिंदगी; पढ़ें देश में क्या है कानून और कैसे कर सकते हैं डोनेट

Motor Accident Claim: कर्नाटक हाईकोर्ट ने मोटर बाइक एक्टिडेंट मामले में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि बाइक पर दो से ज्यादा लोगों का बैठना दुर्घटना में लापरवाही का कारण है. इसके साथ ही मोटरबाइक दुर्घटना में घायल एक महिला को उसकी लापरवाही का हवाला देते हुए दिया गया मुआवजा कम कर दिया. कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि महिला ने जानबूझकर चार लोगों के साथ मोटरसाइकिल पर यात्री के रूप में सवार होकर जोखिम उठाया.

जस्टिस हंचेट संजीवकुमार की पीठ ने दुर्घटना मामले में मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के फैसले और पुरस्कार के खिलाफ बीमा कंपनी आईसीआईसीआई लोम्बार्ड कंपनी लिमिटेड द्वारा दायर अपील को स्वीकार कर लिया.

कंपनी ने मुआवजे की राशि पर सवाल उठाते हुए कहा कि महिला ने दुर्घटना में लापरवाही की है. ये बाइक से खुद गिरने का मामला है, इसलिए कंपनी मालिक को क्षतिपूर्ति देने और मुआवजा देने के लिए उत्तरदायी नहीं है.

ये भी पढ़ें– UPI से लेनदेन करने पर ये बैंक दे रहा हर महीने ₹625 तक कैशबैक, ऐसे उठाएं फायदा

वकील ने तर्क दिया कि भले ही दावेदार को पीछे की सीट पर सवार माना जाए, लेकिन मोटरसाइकिल पर तीन व्यक्ति सवार थे और मोटरसाइकिल फिसल गई और महिला को ये अच्छी तरह से पता था कि मोटरसाइकिल पर तीन व्यक्ति सवार थे, फिर जोखिम उठाया.

दूसरी ओर, महिला की ओर से पेश वकील ने कहा कि महिला पिछली सीट पर बैठी थी. और सिर्फ इसलिए कि मोटरसाइकिल पर तीन पीछे बैठे लोग थे, ये कहने का आधार नहीं है कि महिला ने भी दुर्घटना में लापरवाही की है.

कोर्ट बीमा कंपनी के वकील द्वारा उठाए गए तर्क से सहमत हुआ. यह माना गया कि महिला को ये अच्छी तरह से पता था कि मोटरसाइकिल पर चार लोग सवार थे, जिससे उसके पीछे बैठने का खतरा पैदा हो गया. दुर्घटना में लापरवाही में महिला का भी योगदान है.

अदालत ने आदेश दिया, “ये दुर्घटना के प्रति 20% अंशदायी लापरवाही है. इसलिए, इस न्यायालय द्वारा मुआवजे की जो भी राशि निर्धारित की गई है, दावेदार उस निर्धारित मुआवजे की राशि का केवल 80% पाने का हकदार है.”

ये भी पढ़ें– ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने वाले भेजें लाखों की रकम वो भी बड़ी आसानी से, समझें नया नियम

बता दें, ट्रिब्यूनल ने महिला को 5,87,029 रुपये का मुआवजा दिया था. इसे देखते हुए अदालत ने कहा कि चूंकि दावेदार को दुर्घटना के कारण विकलांगता के कारण सेवा से बर्खास्त नहीं किया गया था, इसलिए वो भविष्य में विकलांगता के कारण कमाई नहीं कर पाएगी. इसलिए वो सुविधाओं के नुकसान के तहत केवल 50,000 रुपये के मुआवजे की हकदार है.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top