नई दिल्ली: कई लोग अपने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) लिंक्ड मोबाइल नंबर के जरिये पैसे भेजते वक्त गलत बैक अकाउंट में ट्रांसफर कर देते हैं। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि किसी का फोन नंबर उनकी UPI आईडी से जुड़ा होता है। बदले में यह उनके बैंक खाते से लिंक रहता है।
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इसे समझने के लिए एक ऐसी स्थिति लेते हैं जहां आप नियमित रूप से पैसे ट्रांसफर करते हैं। मसलन, आपके मकान मालिक का मोबाइल नंबर जो उनकी यूपीआई आईडी से जुड़ा हुआ हो। हालांकि, किसी कारण से मकान मालिक का नंबर किसी और को एलॉट हो गया और उन्होंने आपको इसकी जानकारी नहीं दी। तब उस स्थिति में वह मोबाइल नंबर किसी अन्य व्यक्ति को एलॉट होगा जो बदले में किसी अन्य यूपीआई आईडी से जुड़ा होता है। इस तरह अनजाने में आपने मकान मालिक के पुराने मोबाइल नंबर पर पैसे ट्रांसफर कर दिए। इस स्थिति में पहली चिंता अपना पैसा वापस पाने की होगी। जो अब किसी अन्य व्यक्ति को ट्रांसफर हो चुका है। यह वह तीसरा व्यक्ति होगा जिसे आप पैसा नहीं भेजना चाहते थे। लेकिन, चला गया।
गलत UPI लिंक्ड नंबर पर ट्रांसफर हुए पैसे को कैसे वापस पाएं?
लीगल एक्सपर्ट्स का कहना है कि अनजाने व्यक्ति को ट्रांसफर किया गया पैसा वापस पाने के लिए आपको यह साबित करना होगा कि पैसा गलती से ट्रांसफर हुआ। एक बार जब आप इस पहलू को साबित करने में सफल हो जाते हैं तो यह सुनिश्चित करना बैंक की जिम्मेदारी है कि लेनदेन उलट दिया जाए।
लीगल फर्म इकोनॉमिक लॉज प्रैक्टिस के पार्टनर अभय चट्टोपाध्याय के अनुसार, ‘गलत रेसिपियंट को पैसा ट्रांसफर हो जाने की स्थिति में प्रभावित यूजर को बैंक के समक्ष पर्याप्त सबूत प्रस्तुत करने की जरूरत होती है। उसे दिखाना पड़ा है कि लेनदेन अनजाने में हुआ।’
दूसरे खाते में गलती से ट्रांसफर पैसे को वापस पाने के लिए एनपीसीआई की मदद कैसे लें?
अगर यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) का इस्तेमाल करके गलत लेनदेन हो गया है तो शिकायत दर्ज करने के लिए एनपीसीआई के विवाद निवारण तंत्र का उपयोग किया जा सक इस्तेमाल कर सकता है।
यहां स्टेप-बाय-स्टेप देखते हैं यह काम कैसे करना है:
स्टेप 1: https://www.npci.org.in/what-we-do/upi/dispute-redressal-mechanism पर जाएं।
स्टेप 2: ‘कम्प्लेंट’ नाम के बॉक्स पर जाएं। यहां ड्रॉप-डाउन मेनू से ट्रांजैक्शन के नेचर का चयन करें।
इसके बाद इश्यू सेलेक्ट करें।
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उदाहरण के लिए चूंकि आपने अनजाने में ऐसे किसी को पैसा ट्रांसफर कर दिया है, जिसे भेजने का इरादा नहीं था तो लेन-देन की प्रकृति को ‘पर्सन-टू-पर्सन’ के रूप में और इश्यू को ‘इनकरेक्टली ट्रांसफर्ड टू अनदर अकाउंट’ के रूप में चुनें।
एनपीसीआई अपनी वेबसाइट पर शिकायत के बढ़ने के स्तर को बताता है जिसे कोई व्यक्ति समस्या को तेजी से हल करने के लिए अपना सकता है। सबसे पहले यूपीआई ऐप पर शिकायत दर्ज करानी चाहिए जिसका इस्तेमाल लेनदेन के लिए किया गया था।
अगर शिकायत अनसुलझी रहती है तो इसे आगे बढ़ाने का अगला स्तर उस बैंक के साथ शिकायत दर्ज करना है जिसने बैक एंड (पीएसपी) और एनपीसीआई (शिकायत पोर्टल का उपयोग करके) में लेनदेन को संभाला है। सभी उपलब्ध विकल्पों का उपयोग करने के बाद और यदि व्यक्ति अभी भी समाधान से संतुष्ट नहीं है तो व्यक्ति को बैंकिंग लोकपाल से संपर्क करना चाहिए।