Farmers Protest: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पैनल ने किसानों के साथ समझौता करने के बाद पांच साल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सरकारी एजेंसियों की तरफ से दाल, मक्का और कपास की फसल खरीदने का प्रस्ताव रखा है.
Farmers and Government Meeting: पंजाब, हरियाणा और यूपी के किसान 13 फरवरी से ‘दिल्ली चलो’ मार्च कर रहे हैं. इस बीच किसानों की केंद्र सरकार से रविवार (18 फरवरी) को चौथे दौर की बातचीत हुई. केंद्रीय मंत्रियों के एक पैनल ने MSP की कानूनी गारंटी सहित उनकी मांगों पर रविवार को किसान नेताओं के साथ चौथे दौर की बातचीत की, क्योंकि हजारों प्रदर्शनकारी किसान पंजाब-हरियाणा सीमा पर डेरा डाले हुए हैं.
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दरअसल, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय बातचीक के लिए सेक्टर 26 स्थित महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान पहुंचे थे. बैठक के बाद पीयूष गोयल ने कहा कि पैनल ने किसानों के साथ समझौता करने के बाद पांच साल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सरकारी एजेंसियों द्वारा दाल, मक्का और कपास की फसल खरीदने का प्रस्ताव दिया है.
‘MSP पर खरीदी जाएंगी फसल’
गोयल ने कहा, ‘NCCF (राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ) और NAFED (भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ) जैसी सहकारी समितियां उन किसानों के साथ अनुबंध करेंगी जो ‘अरहर दाल’, ‘उड़द दाल’, ‘मसूर दाल’ या मक्का उगाते हैं. अगले पांच सालों तक उनकी फसल एमएसपी पर खरीदी जाएगी.’
उन्होंने कहा, ‘मात्रा (खरीदी) पर कोई सीमा नहीं होगी और इसके लिए एक पोर्टल विकसित किया जाएगा. इससे पंजाब की खेती बचेगी, भूजल स्तर में सुधार होगा और जमीन को बंजर होने से बचाया जा सकेगा जो पहले से ही तनाव में है. वहीं, जवाब में किसान नेताओं ने कहा कि वे अगले दो दिनों में अपने मंचों पर सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे और उसके बाद भविष्य की कार्रवाई तय करेंगे.
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क्या बोले किसान नेता?
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, ‘हम 19-20 फरवरी को अपने मंचों पर चर्चा करेंगे और इसके बारे में विशेषज्ञों की राय लेंगे और उसके अनुसार फैसला लेंगे. कर्ज माफी और अन्य मांगों पर चर्चा लंबित है और हमें उम्मीद है कि अगले दो दिनों में इनका समाधान हो जाएगा. ‘दिल्ली चलो’ मार्च फिलहाल रुका हुआ है, लेकिन 21 फरवरी को सुबह 11 बजे फिर से शुरू होगा। यदि सभी मुद्दे हल नहीं हुए.’