तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों को पीटने और तमिलनाडु से बाहर जाने का फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने के मामले में आरोपित मनीष कश्यप को आर्थिक अपराध इकाई की विशेष न्यायाधीश सारिका बहालिया की अदालत ने आर्थिक अपराध इकाई द्वारा दर्ज कांड संख्या 03/23 और 04/23 में आरोप मुक्त कर दिया। वहीं अन्य मामलों में सुनवाई बुधवार को होगी।
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जागरण संवाददाता, पटना। Youtuber Manish Kashyap तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों को पीटने और तमिलनाडु से बाहर जाने का फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने के मामले में आरोपित मनीष कश्यप को आर्थिक अपराध इकाई की विशेष न्यायाधीश सारिका बहालिया की अदालत ने आर्थिक अपराध इकाई द्वारा दर्ज कांड संख्या 03/23 और 04/23 में आरोप मुक्त कर दिया।
वीडियो वायरल करने के मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने मनीष कश्यप सहित अन्य पर कई मामला दर्ज कर रखा है। आर्थिक अपराध इकाई द्वारा दर्ज कांड संख्या 05/23 एवं 06/23 पर सुनवाई बुधवार को होगी।
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कौन हैं मनीष कश्यप?
मनीष कश्यप बीते साल (2023) की शुरुआत में तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी श्रमिकों के साथ कथित दुर्व्यवहार और उत्पीड़न का एक वीडियो फिल्माया और बिहार में जेडी (यू)-आरजेडी गठबंधन सरकार से पड़ोसी राज्यों में अपने लोगों की रक्षा करने का आग्रह किया। हालांकि, इसका उल्टा असर हुआ क्योंकि यूट्यूबर पर फर्जी खबरें फैलाने और जनता की भावनाएं भड़काने के लिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के प्रशासन द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
जेल जाने के बाद उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर निशाना साधा। मनीष ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार पत्रकार आजादी की बात करते हैं। उन्होंने तेजस्वी यादव की आलोचना करते हुए कहा कि वह डरे हुए नहीं हैं और अपना संघर्ष जारी रखेंगे क्योंकि वह चारा चोर के बेटे नहीं हैं।
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यूट्यूबर बनने के अलावा उन्होंने राजनीति में भी हाथ आजमाया है। मनीष ने चनपटिया निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि, वह चुनाव हार गए।