All for Joomla All for Webmasters
उत्तराखंड

Uttarakhand Zoo: उत्तराखंड के इस चिड़ियाघर में आप देख सकेंगे Tiger, भेजे जा रहे ढेला रेस्क्यू सेंटर के दो बाघ

tiger

Dehradun zoo देहरादून चिड़ियाघर और कार्बेट टाइगर रिजर्व की ओर से तैयारी पूरी कर ली गई है। वर्तमान में कार्बेट टाइगर रिजर्व के ढेला स्थित रेस्क्यू सेंटर में 10 बाघों के बाड़े हैं। जबकि वर्तमान में यहां क्षमता से अधिक 11 बाघ हैं। ऐसे में कार्बेट प्रशासन की ओर से दो बाघों को देहरादून चिड़ियाघर भेजे जाने का निर्णय लिया गया।

ये भी पढ़ें– PM Modi Mann Ki Baat: मोदी के मन की बात का 110वां एपिसोड आज, महिला दिवस पर कही ये बात

जागरण संवाददाता, रामनगर। ढेला स्थित रेस्क्यू सेंटर में बाघों को रखने के लिए जगह कम होने पर अब यहां के दो बाघ देहरादून चिड़ियाघर की शोभा बढ़ाएंगे। सोमवार से दोनों बाघ चिड़ियाघर के मेहमान हो जाएंगे। सड़क मार्ग से पुलिस व वन विभाग के एस्कार्ट में दोनों बाघों को वाहनों में रखकर ले जाया जाएगा।

देहरादून चिड़ियाघर और कार्बेट टाइगर रिजर्व की ओर से तैयारी पूरी कर ली गई है। वर्तमान में कार्बेट टाइगर रिजर्व के ढेला स्थित रेस्क्यू सेंटर में 10 बाघों के बाड़े हैं। जबकि वर्तमान में यहां क्षमता से अधिक 11 बाघ हैं। ऐसे में कार्बेट प्रशासन की ओर से दो बाघों को देहरादून चिड़ियाघर भेजे जाने का निर्णय लिया गया।

सीटीआर निदेशक धीरज पांडे की ओर से सेंटर से कुछ बाघों को बाहर भेजे जाने का प्रस्ताव उच्चाधिकारियों को भेजा गया था। बाघों को बाहर भेजने की अनुमति आदि की कार्रवाई के बाद अब ढेला रेस्क्यू सेंटर से दो बाघ चिड़ियाघर भेजने की तैयारी शुरू हो गई है। फिलहाल दो बाघ भेजे जाने हैं।

ये भी पढ़ें– बांग्‍लादेश से भारत में घुसे, पुलिस की नाक के नीचे ‘टेंट सिटी’ बसाकर बनाया काला साम्राज्‍य, राज खुला तो सब सन्‍न

स्वभाव से सीधा होने की वजह से नाम पड़ गया भोला

जो बाघ चिड़ियाघर भेजे जा रहे हैं, उनमें से एक गौलापार के दानीबंगर से चार साल पहले रेस्क्यू किया गया था। उसकी टांग टूटी थी। उसका रेस्क्यू सेंटर में ही आठ माह तक उपचार हुआ। इसके बाद वह पूरी तरह स्वस्थ हो गया।

ये भी पढ़ें– पीएम मोदी ने वाराणसी को दी 13 हजार करोड़ रुपए की सौगात, कहा- ‘छोटे किसानों और उद्यमियों का हूं दूत’

स्वभाव से सीधा होने की वजह से विभागीय कर्मियों ने उसे भोला कहना शुरू कर दिया था। तब से उसे भोला के नाम से ही पहचान मिल गई। वहीं, चिड़ियाघर भेजा जाने वाला दूसरा बाघ पिछले साल फरवरी में हाईवे पनोद क्षेत्र से पकड़ा गया था। अप्रैल से अब तक रेस्क्यू सेंटर से चार बाघ जंगल छोड़े गए हैं।

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top