विटामिन डी बढ़ाने के लिए महीनों अपनी मर्जी से सैशे, गोलियां या सप्लीमेंट्स लेने वाले लोगों को जानकर हैरानी होगी कि उनकी ये आदत उनके शरीर के कई अंगों का विध्वंस उड़ा सकती है. विटामिन डी ओवरडोज शरीर के लिए टॉक्सिक है.
Vitamin D Supplement: आप भी मेडिकल स्टोर से विटामिन डी, ई या मल्टीविटामिन की गोलियां झोला भरकर घर ले आते हैं और फिर सपरिवार रोजाना इनका सेवन करते हैं तो आपको यहीं रुकने की जरूरत है. अगर आप दलील देते हैं कि आपके लिए तो डॉक्टर ने विटामिन की गोलियां पर्चे पर लिखी थीं और बिला नागा खाने का आदेश दिया था. ये गोलियां तो नुकसान भी नहीं करती हैं, तो फिर इन्हें खाने में क्या हर्ज है?
तो आपको बता दें कि विटामिन या मल्टीविटामिन की गोलिया, लिक्विड या सैशे जितनी चाहे मर्जी नहीं खा सकते. इसकी भी लिमिट होती है. इसकी भी ओवरडोज होती है. शरीर में विटामिन या मिनरल्स भी टॉक्सिक लेवल पर पहुंचते हैं और उसके बाद ऐसा जहर फैलाते हैं कि जीवनभर दवा खाने के बाद भी बीमारी ठीक नहीं होती.
ये भी पढ़ें- लंबे समय तक बैठे रहने से सेहत को हो सकता है बड़ा नुकसान, ऑफिस वर्कर्स के लिए जरूरी हेल्थ टिप्स
विटामिन डी ओवरडोज दे सकती है मौत!
हाल ही में विटामिन डी की ओवरडोज की वजह से यूके में एक बुजुर्ग की मौत का मामला सामने आया था. जबकि भारत में सैकड़ों मरीज अस्पतालों में ओवरडोज की वजह से पैदा हुई बीमारियों को लेकर पहुंचते हैं. डॉक्टरों की मानें तो विटामिन डी या मल्टीविटामिन की ओवरडोज टॉक्सिक हो सकती है.
ये भी पढ़ें- World Kidney Day: क्रोनिक किडनी डिजीज के साथ जी रही देश की 17% आबादी, जान लें Kidney को हेल्दी रखने के उपाय
सप्लीमेंट्स की ओवरडोज कर रही बीमार
यथार्थ सुपरस्पेशलिटी अस्पताल नोएडा एक्सटेंशन में नेफ्रोलॉजी विभाग के हेड, सीनियर कंसल्टेंट डॉ. उपेंद्र सिंह कहते हैं कि बहुत सारे लोग विटामिन सप्लीमेंट्स की ओवरडोज की वजह से किडनी की शिकायतें लेकर आते हैं. किसी भी सप्लीमेंट्स की ओवरडोज का खराब असर किडनी पर पड़ता है.
क्या होती है ओवरडोज?
आमतौर पर डॉक्टर किसी भी व्यक्ति में विटामिन डी का लेवल 20 से भी बहुत कम हो जाने पर दो महीने तक विटामिन डी के सैशे या टेबलेट्स देते हैं और फिर उसके बाद लेवल चेक करते हैं. सामान्य उम्र में विटामिन डी का लेवल 20 से 40 के बीच होना चाहिए. हालांकि लोग एक बार दवा लिखवाने के बाद महीनों तक इन्हें बराबर खाते रहते हैं. वे यह सोचते हैं कि उनमें विटामिन डी बढ़ रहा है, जबकि 50 के पार जाते ही यह टॉक्सिक हो जाता है और यह नुकसान कर रहा होता है.
मरीज कैसे बंद करें ओवरडोज?
डॉ. उपेंद्र कहते हैं कि विटामिन, मल्टीविटामिन या कैल्शियम जिस किसी के भी सप्लीमेंट्स आपकी जरूरत को देखते हुए डॉक्टरों ने जितने दिन के लिए लिखे हैं, बस उतने दिन ही इनका सेवन करें. इसके बाद सेवन को स्टॉप कर दें. ध्यान रहे कि 3 महीने से ज्यादा कोई भी सप्लीमेंट अपनी मर्जी से कंटिन्यू न करें. ऐसा करके आप ओवरडोज के साइड इफैक्ट से बच सकते हैं.