टेक डेस्क. आए दिन सिम कार्ड स्वैपिंग से धोखाधड़ी के मामले सामने आ रहा है। इसी तरह के स्कैम को रोकने के लिए टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी ट्राई (TRAI) ने एक नियम लाने जा रहा है।
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इस नियम के तहत मोबाइल ऑपरेटर की तरफ से सिम कार्ड बदलने और जारी करने के नियमों में बदलाव किए जा रहे है। यह नियम मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी से जुड़ा है।
जानें क्या है नियम
TRAI के नए नियम के मुताबिक, सिम कार्ड को पोर्ट कराते समय और नया सिम कार्ड जारी करते समय टेलीकॉम कंपनियों को ज्यादा सावधानी बरतनी होगी। ये नए नियम 1 जुलाई 2024 से लागू होगा।
Press Release No. 13/2024 regarding TRAI Releases Telecommunication Mobile Number Portability (Ninth amendment) Regulations, 2024https://t.co/Gd7jWT6Upq
— TRAI (@TRAI) March 15, 2024
नए नियम के तहत अगर किसी सिम कार्ड को स्वैप या बदला गया है, तो उससे जुड़े मोबाइल नंबर को सात दिनों तक अलग टेलीकॉम कंपनी को पोर्ट नहीं किया जा सकेगा।
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यानी कि अगर सिम बदली गई या टूट जाने से, खराब हो जाने से या खो जाने से तो नई सिम तो मिल जाएगी लेकिन उसको दूसरे ऑपरेटर में तत्काल पोर्ट नहीं किया जा सकेगा।
साइबर क्राइम पर कसेगा शिकंजा
TRAI ने सर्कुलर में बताया कि सिम को फर्जी तरीके से बदल कर होने वाली मोबाइल नंबर्स पोर्टेबिलिटी पर लगाम लगाना है। पोर्ट रिक्वेस्ट के समय पाया गया कि सिम बदले सिर्फ 10 दिन पहले ही बदला गया है तो उस नंबर के टेलीकॉम ऑपरेटर को पोर्ट नहीं किया जाएगा। साथ ही नंबर पोर्ट कराने वाले कस्टमर की पूरी जानकारी पोर्टिंग ऑपरेटर को देनी होगी। इसके बाद ऑपरेटर इसकी जांच करेगा।
ऐसे पोर्ट नंबर का इस्तेमाल करते है साइबर अपराधी
नंबर पोर्ट करते समय सिर्फ ऑपरेटर के साथ नंबर का मालिक भी बदला जा सकता है। ऐसे में ये साइबर अपराधी आपकी सम बदलने में कामयाब हो जाते है और इसे पोर्ट भी करवा लेते है।
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ऐसे में सिम के असली मालिक को सिम वापस पाने का कोई उपाय होता। इसके बाद वह इसका दुरूपयोग कर सकते है।